Apple 823 बिलियन डालर के साथ टॉप पोजीशन पर

Edited By Punjab Kesari,Updated: 04 Jun, 2017 11:57 AM

that  s one pricey apple  can buy tcs 11 times  reliance industries 12 times

इस समय बाजार में एप्पल एक हॉटकेक की तरह है जो दुनिया में 823 बिलियन डॉलर के साथ टॉप पोजीशन पर है। अगर एप्पल को एक देश माना जाए और आईफोन को इसकी राजधानी तो यह इंडोनेशिया के बाद दुनिया की 17वीं सबसे बड़ी इकोनॉमी कही जा सकती है।

नई दिल्लीः इस समय बाजार में एप्पल एक हॉटकेक की तरह है जो दुनिया में 823 बिलियन डॉलर के साथ टॉप पोजीशन पर है। अगर एप्पल को एक देश माना जाए और आईफोन को इसकी राजधानी तो यह इंडोनेशिया के बाद दुनिया की 17वीं सबसे बड़ी इकोनॉमी कही जा सकती है। अब भी एप्पल की तुलना में 169 देशों का मार्कीट कैप कम है, यहां तक कि नीदरलैंड, स्विट्जरलैंड और सिंगापुर जैसे देश जिनकी जी.डी.पी. वैल्यू क्रमश: 750.3 बिलियन डालर, 670.8 बिलियन डालर, 292.7 बिलियन डालर है, पूंजी के हिसाब से एप्पल से पिछड़े हुए हैं। एप्पल टाटा कंसल्टैंसी सॢवस (टी.सी.एस.) को 11 और रिलायंस इंटस्ट्री को 12 बार खरीद सकता है। यह बात न्यूजफ्लिक्स के एक सर्वेक्षण के दौरान सामने आई है।

टी.सी.एस. और रिलायंस इंडस्ट्री की तुलना में एप्पल 
माना जा रहा है कि एप्पल के पास जितनी पूंजी है उससे वह भारत की सबसे बड़ी आई.टी. परामर्श सेवा प्रदाता कम्पनी टाटा कंसल्टैंसी सर्विस (टी.सी.एस.) को 77 बिलियन डालर की बाजार पूंजी के साथ 11 बार और रिलायंस इंडस्ट्री को 66.4 अरब डालर मूल्य से 12 बार खरीद सकती है। एप्पल का मार्कीट कैप भारत की सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन वाली ऑटोमोबाइल कम्पनी मारुति-सुजूकी से 25 गुना है, जबकि भारतीय दूरसंचार उद्योग में भारती एयरटेल का 23 गुना है। 

एप्पल की तुलना में चीन और भारत
भारत दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था चीन को मात देने के करीब है, वहीं एप्पल यह कर सकता है। एप्पल की 14 इकाइयों को चीन समायोजित कर सकता है, वहीं भारत मुश्किल से 3 को। जबकि दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था अमरीका एप्पल जैसी 22 कम्पनियों को समायोजित करने के योग्य है, वहीं जापान एप्पल जैसी 5 इकाइयों को समायोजित करने की हैसियत रखता है। 

माइक्रोसॉफ्ट, कोका कोला की तुलना में एप्पल
सर्वेक्षण में यह बात सामने आई है कि एप्पल अब अन्य छोटे दिखने वाले कार्पोरेटर दिग्गज बना रही है। माइक्रोसॉफ्ट जो कम्प्यूटर इंडस्ट्री की महारथी कम्पनी है एप्पल को पछाडऩे के लिए कड़ी प्रतिस्पर्धा की दौड़ में है। सर्वेक्षण में कहा गया है कि एप्पल मैकिंतोश कम्प्यूटर विंडो बनाने वाली टैक कम्पनी को 1.6 बार खरीद सकती है जबकि गूगल की पेरैंट कम्पनी एल्फाबैट को एप्पल बाजार हैसियत के हिसाब से 1.3 बार खरीद सकती है। एप्पल न सिर्फ टैक्नोलाजी क्षेत्र में बल्कि अन्य सैक्टर की दिग्गज कम्पनियों से भी बड़ी है। यह भी माना जा रहा है कि एप्पल कोका कोला को 4 बार खरीद सकती है या दुनिया की सबसे बड़ी तेल और गैस कम्पनी एक्सोमोबिल को 2 बार खरीदने के बाद भी उसके पास बड़ी मात्रा में राशि बच जाती है।
 

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