Edited By ,Updated: 13 Mar, 2017 04:59 PM
तेल की कीमतों में तेजी से लाभ पर असर होने के बावजूद देश में एयरलाइनों के कारोबार की दृष्टि से चालू वित्त वर्ष अब तक के सबसे अच्छे वर्षों में एक साबित होने जा रहा है। इस वर्ष यात्रियों की संख्या में 22-23 प्रतिशत की दर से वृद्धि चल रही है।
मुंबईः तेल की कीमतों में तेजी से लाभ पर असर होने के बावजूद देश में एयरलाइनों के कारोबार की दृष्टि से चालू वित्त वर्ष अब तक के सबसे अच्छे वर्षों में एक साबित होने जा रहा है। इस वर्ष यात्रियों की संख्या में 22-23 प्रतिशत की दर से वृद्धि चल रही है। रेटिंग एजेंसी इक्रा के अनुसार ‘एयरलाइनों में सीटें अच्छी खासी भर कर चल रही हैं। पर चूंकि तेल की कीमतों में तेजी है इससे चौथी तिमाही (जनवरी-मार्च 2017) के दौरान इनके लाभ पर असर पडऩा लाजमी लगता है। विमान ईंधन का भाव एक साल पहले की तुलना में 37.9 प्रतिशत उपर चल रहा है।’
इक्रा के अनुसार एयरलाइनों का प्रति किलोमीटर उपलब्ध प्रति सीट (प्रति एएसकेएम) जनवरी में बढ़ कर 1.16 रुपए हो गया जबकि एक साल पहले यह 82 पैसे था। इक्रा ने कहा है कि वित्त वर्ष के पहले 10 महीनों में एयरलाइनों की उड़ानों पर यात्री:सीट अनुपात 84.4 प्रतिशत था। यह इस समय दुनिया के अन्य बड़े बाजारों में सबसे अच्छा यात्री भार अनुपात (पीएलएफ) है। जनवरी 2017 में यह अनुपात 88.3 प्रतिशत तक पहुंच गया था।
भारत में एयरलाइनों में इस वित्त वर्ष के पहले दस महीनों में यात्री संख्या में वृद्धि 23.2 प्रतिशत रही और इस तरह यह साल यात्रियों की संख्या की दृष्टि से अब का एक सबसे अच्छा वर्ष साबित होने जा रहा है। जनवरी में यात्री संख्या की वृद्धि सालाना आधार पर 25.3 प्रतिशत रही जबकि अंतर्राष्ट्रीय यात्रियों की संख्या में 8.8 प्रतिशत की औसत दर्जे की वृद्धि देखी गई।