FRDI विधेयक को लेकर पैदा किया गया संदेह पूरी तरह अनुचितः वित्त मंत्रालय

Edited By Punjab Kesari,Updated: 03 Jan, 2018 10:25 AM

the doubts arising regarding the frdi bill are totally inappropriate

वित्त मंत्रालय ने मीडिया में वित्तीय निपटान और जमा बीमा विधेयक (एफ.आर.डी.आई.), 2017 को लेकर चल रहे संदेह पर स्पष्टीकरण दिया है। मंत्रालय ने कहा है कि प्रस्तावित कानून में किसी भी तरह प्रतिकूल तरीके से जमाकर्ताओं को मिलने वाले मौजूदा संरक्षणों में...

नई दिल्लीः वित्त मंत्रालय ने मीडिया में वित्तीय निपटान और जमा बीमा विधेयक (एफ.आर.डी.आई.), 2017 को लेकर चल रहे संदेह पर स्पष्टीकरण दिया है। मंत्रालय ने कहा है कि प्रस्तावित कानून में किसी भी तरह प्रतिकूल तरीके से जमाकर्ताओं को मिलने वाले मौजूदा संरक्षणों में किसी भी प्रकार का ‘प्रतिकूल’ संशोधन नहीं किया गया है।

मंत्रालय ने बयान में कहा कि एफ.आर.डी.आई. विधेयक में जमाकर्ताओं को अधिक पारदर्शी तरीके से ‘अतिरिक्त संरक्षण’ दिए गए हैं। मंत्रालय ने स्पष्ट किया कि मीडिया विशेषरूप से सोशल मीडिया में एफ.आर.डी.आई. विधेयक में जमाकर्ताओं के संरक्षण के मामले में ‘बेल इन’ प्रावधान को लेकर कुछ संदेह जताया जा रहा है, जो पूरी तरह से गलत है। मंत्रालय ने कहा कि एफ.आर.डी.आई. विधेयक में ‘बेल इन’ कई निपटान माध्यमों में से एक माध्यम है।

मंत्रालय ने कहा, ‘‘किसी विशेष प्रकार के निपटान मामले में ‘बेल इन’ प्रावधान के इस्तेमाल की जरूरत नहीं होगी। निश्चित रूप से सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के मामले में इसकी जरूरत नहीं होगी क्योंकि इस तरह की आकस्मिक स्थिति आने की गुंजाइश नहीं है। फिलहाल बैंकों में जमा एक लाख रुपए तक की राशि का बीमा होता है। मंत्रालय ने कहा कि इसी तरह का संरक्षण एफ.आर.डी.आई. विधेयक में भी जारी रहेगा। निपटान निगम को जमा बीमा राशि में बढ़ोतरी का अधिकार होगा। उसने स्पष्ट किया है कि एक लाख रुपए से अधिक के गैर बीमित जमा को मौजूदा कानून के तहत गैर संरक्षित ऋणदाता के रूप में लिया जाएगा और परिसमापन की स्थिति में उन्हें तरजीही बकाया, सरकार बकाया आदि की अदायगी के बाद भुगतान किया जाएगा। 

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