Edited By ,Updated: 05 Feb, 2017 10:02 AM
दूसरे मकान पर कर छूट को दो लाख रुपअ वार्षिक पर सीमित किए जाने के प्रस्ताव को वापस लेने से इनकार करते हुए राजस्व..
नई दिल्ली: दूसरे मकान पर कर छूट को दो लाख रुपए वार्षिक पर सीमित किए जाने के प्रस्ताव को वापस लेने से इनकार करते हुए राजस्व सचिव हसमुख अधिया ने कहा कि दूसरे मकान की खरीद पर सरकारी सहायता देने की कोई तुक नहीं है। आमतौर पर अधिक पैसे वाले ही दूसरा मकान खरीदते हैं। उन्होंनेे कहा कि दूसरे मकान के लिए बैंक से ऋण लेने वालों को कर छूट देने का दुरपयोग ही होता है।
सरकार को सीमित संसाधनों का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि पहली बार घर खरीदने वाले को सब्सिडी देने की बात तो विवेकपूर्ण है लेकिन दूसरी संपत्ति का मालिक जो कि उसमें रहता नहीं है और उसे किराए पर देकर कमाई करता है उसे सब्सिडी देना बुद्धिमानी नहीं है। वित्त विधेयक 2017 में आयकर कानून की धारा 71 के तहत दूसरे मकान की मद में होने वाले नुकसान की अन्य मदों से होने वाली आय के समक्ष भरपाई को दो लाख रुपए तक सीमित कर दिया गया है। मौजूदा व्यवस्था के तहत इस तरह की आवासीय संपत्ति के समक्ष नुकसान की भरपाई के लिए इस तरह की कोई सीमा नहीं है। दूसरे शब्दों में यदि कहा जाए तो एेसे आवास ऋण पर भुगतान किए जाने वाले पूरे ब्याज पर कर कटौती का लाभ मिल सकता है।
उन्होंने कहा, ‘‘सरकार के संसाधन बहुत सीमित हैं। सवाल यह है कि सरकार को पहली बार मकान खरीदने वालों को सहायता देनी चाहिए जो कि खुद उस मकान में रहेंगे या फिर सरकार को उन लोगों को सहायता देनी चाहिए जिन लोगों के पास अधिशेष पैसा है और वह दूसरा मकान खरीद रहे हैं।’’ अधिया ने कहा, ‘‘सरकार दूसरे मकान के अधिग्रहण पर आने वाली लागत का बोझ क्यों उठाएं, सवाल यह है। हमारे पास कई लोग हैं जिन्हें सस्ते मकान चाहिए, हमें उनकी मदद करनी है। इसलिए इसमें काफी राजस्व का नुकसान है और लोग इन सुविधाओं का काफी दुरपयोग करते हैं।’’