Edited By Punjab Kesari,Updated: 10 Feb, 2018 04:31 PM
इनकम टैक्स विभाग ने टैक्सपेयर्स के लिए एक तरह की चेतावनी जारी की है। विभाग ने कहा है कि वित्त वर्ष 2016-17 और 2015-16 के आईटीआर में अगर जाने-अनजाने कोई जानकारी नहीं बताई गई है तो वे 31 मार्च, 2018 तक रिवाइज्ड आईटीआर फाइल कर उन गलतियों को दूर कर...
नई दिल्लीः इनकम टैक्स विभाग ने टैक्सपेयर्स के लिए एक तरह की चेतावनी जारी की है। विभाग ने कहा है कि वित्त वर्ष 2016-17 और 2015-16 के आईटीआर में अगर जाने-अनजाने कोई जानकारी नहीं बताई गई है तो वे 31 मार्च, 2018 तक रिवाइज्ड आईटीआर फाइल कर उन गलतियों को दूर कर लें। ऐसा नहीं करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।ऐसे लोगों पर विभाग पेनल्टी ठोक सकता है। मामला गंभीर होने पर ऐसे लोगों को सख्त कारावास की सजा भी हो सकती है। विभाग ने कहा है कि अगर आपने अपने बैंक अकाउंट में बड़ी मात्रा में कैश जमा किया है या फिर हाई वैल्यू ट्रांजैक्शंस किए हैं तो आपको रिवाइज्ड आईटीआर के जरिए उन चीजों की जानकारी देनी चाहिए।
ऐसा नहीं करने वालों या गलत जानकारी देने वालों के खिलाफ दोनों तरह की कार्रवाई भी की जा सकती है। इनकम टैक्स विभाग का यह एक्शन कालेधन के खिलाफ अभियान का हिस्सा है. विभाग चाहता है कि ऐसे लोगों को एक और मौका दिया जाना चाहिए। टैक्स एक्सपर्ट्स के अनुसार, नोटबंदी के बाद ऐसे लोगों का बचना मुश्किल हो गया है।सरकार ने कालेधन रखने वालों को सभी ट्रांजैक्शंस के बारे में बताने के लिए बाध्य कर दिया है। विभाग ने कहा है कि अगर जानकारियां छुपाने वाले इस अवसर का अब भी फायदा नहीं उठाते हैं तो उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।