Edited By Punjab Kesari,Updated: 24 Jan, 2018 12:06 PM
नोटबंदी के बाद मोदी सरकार ने डिजिटल ट्रांजैक्शन को बढ़ावा देने के काफी प्रयास किए है आर सरकार इसमें काफी हद तक सफल भी हो गई है पर कुछ समय से यह देखा जा रहा है देश में कैश का इस्तेमाल नोटबंदी से पहले के स्तर पर पहुंच गया है जिसके कारण सरकार की...
नई दिल्लीः नोटबंदी के बाद मोदी सरकार ने डिजिटल ट्रांजैक्शन को बढ़ावा देने के काफी प्रयास किए है आर सरकार इसमें काफी हद तक सफल भी हो गई है पर कुछ समय से यह देखा जा रहा है देश में कैश का इस्तेमाल नोटबंदी से पहले के स्तर पर पहुंच गया है जिसके कारण सरकार की डिजिटल ट्रांजैक्शन को बढ़ावा देने की योजना को बड़ा झटका लगा है।
यह देखते हुए सरकार डिजिटल पेमेंट को बढ़ावा देने के लिए कैश के इस्तेमाल को महंगा करने की तैयारी में जुट गई है। इस कोशिश के तहत सरकार बैंक से कैश निकालना मुश्किल करेगी जिसके लिए कैश काउंटर कम करने की सिफारिश की गई है। सरकार की एटीएम में फ्री ट्रांजैक्शन कम करने की भी योजना है। अब ज्यादा कैश ट्रांजैक्शन करना महंगा होगा और डिजिटल ट्रांजैक्शन करने वालों को तरजीह दी जाएगी।
बैंक कर्मियों को भी मिलेगा इंसेंटिव
डिजिटल को बढ़ावा देने वाले बैंक कर्मियों को इंसेंटिव भी दिया जाएगा। रिटेलर्स को भी डिजिटल पेमेंट लेने के लिए इंसेंटिव मिलेगा। रिटेलर्स को पीओएस मशीन फ्री देने की सिफारिश की गई है। कैश को टैक्स से जोड़ने की भी सिफारिश की गई है। जिसके तहत चुकाए गए टैक्स के हिसाब से कैश निकालने की इजाजत होगी।
इससे व्यापारी टैक्स भरने को मजबूर होंगे। अब सरकारी ट्रांजैक्शन के लिए डिजिटल पेमेंट पर जोर होगा। कैशलेस ट्रांजैक्शन को बढ़ावा देने का बोर्ड लगाने की भी सिफारिश की गई है।