Edited By Punjab Kesari,Updated: 08 Jun, 2017 11:18 AM
वित्त मंत्रालय ने कहा कि देश में वस्तु एवं सेवाकर (जी.एस.टी.) प्रणाली को 1 जुलाई से लागू करने की दिशा में आगे बढ़ते हुए पिछले 3 बजट में
नई दिल्ली: वित्त मंत्रालय ने कहा कि देश में वस्तु एवं सेवाकर (जी.एस.टी.) प्रणाली को 1 जुलाई से लागू करने की दिशा में आगे बढ़ते हुए पिछले 3 बजट में विभिन्न वस्तुओं एवं सेवाओं पर लगने वाले कई उपकरों को समाप्त किया है। इसके अलावा कराधान कानून संशोधन अधिनियम 2017 के जरिए भी 13 और उपकर समाप्त किए गए। हालांकि मंत्रालय के अनुसार 7 उपकर अभी भी जी.एस.टी. प्रणाली के तहत लगते रहेंगे।
ये उपकर सीमा शुल्क से संबंधित हैं या फिर ऐसे सामानों पर लगते हैं जो जी.एस.टी. के दायरे में नहीं आते हैं। इन उपकरों में आयातित सामान पर शिक्षा उपकर, आयातित सामानों पर माध्यमिक और उच्च माध्यमिक शिक्षा उपकर, कच्चे तेल पर उपकर, मोटर स्प्रिट और डीजल तेल पर अतिरिक्त उत्पाद शुल्क (सड़क उपकर), मोटर स्प्रिट पर विशेष अतिरिक्त उत्पाद शुल्क और तंबाकू, तंबाकू उत्पादों और कच्चे पैट्रोलियम तेल पर राष्ट्रीय आपदा आकस्मिक शुल्क (एन.सी.सी.डी.) आदि शामिल हैं। वित्त मंत्रालय ने एक वक्तव्य जारी कर कहा कि उसने 1 जुलाई से जी.एस.टी. को लागू करने की दिशा में आगे बढ़ते हुए विभिन्न वस्तुओं और सेवाओं पर लगने वाले उपकरों को धीरे-धीरे समाप्त किया है। मंत्रालय ने कहा है, ‘‘केन्द्र सरकार ने इन कदमों को विभिन्न चरणों में उठाया है ताकि विभिन्न वस्तु एवं सेवाओं को जी.एस.टी. के लिए विभिन्न स्लैब में फिट किया जा सके।’’