Edited By Punjab Kesari,Updated: 15 Dec, 2017 01:24 PM
नरेंद्र मोदी सरकार ने नोटबंदी, दिवालिया संहिता और वस्तु एवं सेवाकर के बाद अगले बड़े आर्थिक सुधार के रूप में सरकारी बैंकों को मजबूती प्रदान करने और उनके बही खाते को दुरुस्त करने का लक्ष्य बनाया है। वित्त मंत्री अरुण जेतली ने आज यह जानकारी दी।...
नई दिल्लीः नरेंद्र मोदी सरकार ने नोटबंदी, दिवालिया संहिता और वस्तु एवं सेवाकर के बाद अगले बड़े आर्थिक सुधार के रूप में सरकारी बैंकों को मजबूती प्रदान करने और उनके बही खाते को दुरुस्त करने का लक्ष्य बनाया है। वित्त मंत्री अरुण जेतली ने आज यह जानकारी दी। उन्होंने यह भी कहा कि केंद्र सरकार को भरोसा है कि विनिवेश का बजटीय लक्ष्य इस साल आसानी से पार कर लिया जाएगा।
जेतली ने कहा, 'बैंकों की स्थिति में सुधार और सरकारी बैंकों को मजबूती प्रदान करना बेशक आज का सबसे महत्त्वपूर्ण एजेंडा है। हमने पहले ही पुनर्पूंजीकरण की विस्तृत योजना की घोषणा की है और इसके पीछे यह विचार है कि वृद्धि दर में बैंकों की भूमिका सुनिश्चित हो सके।' वह नई दिल्ली में उद्योग संगठन फेडरेशन आफ इंडियन चैंबर आप कॉमर्स ऐंड इंडस्ट्री (फिक्की) की सालाना आम बैठक को संबोधित कर रहे थे।
वित्त मंत्री ने कहा, 'हम चाहते हैं कि सूक्ष्म, लघु और मझोले उद्योग को मजबूती मिले। यह क्षेत्र पिछले कुछ सालों से उपेक्षा का शिकार रहा है। खासकर बैंकों से इन्हें कर्ज मिलने में समस्या हो रही है, क्योंकि बैंकों के गैर निष्पादित संपत्तियों (एनपीए) के कारण कर्ज देने की क्षमता घटी है। अगर बैंकों की कर्ज देने की क्षमता दुरुस्त की जाती है तो पूंजी की उपलब्धता में सुधार होगा।'