Edited By Punjab Kesari,Updated: 22 Sep, 2017 04:03 PM
अर्थव्यवस्था को फिर से पटरी पर लाने के लिए ब्याज दरों में कटौती करना एकमात्र उपाय है क्योंकि यह मांग और
नई दिल्लीः अर्थव्यवस्था को फिर से पटरी पर लाने के लिए ब्याज दरों में कटौती करना एकमात्र उपाय है क्योंकि यह मांग और निवेश को धक्का देने का काम करेंगे। बोफा एम.एल. की एक शोध रिर्पोट में कहा गया है कि ढांचागत सुधारों का असर वृद्धि दर या रुकी हुई परियोजनाओं के पुनरोद्धार पर दिखने में पांच से दस साल का लंबा वक्त लगता है।
बोफा एमएल ने कहा, ‘‘ब्याज दरों में कटौती पुनरोत्थान के लिए अहम है। हमारे विचार में यह मांग को बढ़ावा देगा, रुके हुए कारखानों को चालू करेगा और जब क्षमता होगी तो निवेश को प्रोत्साहन देगा।’’ रिर्पोट में कहा गया है कि ब्याज दर को अक्तूबर-मार्च के व्यस्त मौसम में 0.25 प्रति तक घटाना चाहिए और सितंबर 2018 तक इसमें 0.50 प्रति कटौती होनी चाहिए। ब्याज दर में कटौती एकमात्र व्यावहारिक माध्यम है जो अर्थव्यवस्था को फिर पटरी पर ला सकता है क्योंकि ढांचागत सुधारों का असर दिखने में 5-10 साल लगेंगे।