विदेश में रहने वाले बेटे को सूट भेजा, पार्सल गुम हुआ तो फोरम ने दिलवाए पैसे

Edited By ,Updated: 27 Mar, 2017 10:25 AM

the parcel lost  money received by the forum

कोई भी दुकानदार आम आदमी को ठग नहीं सकता, कोई सरकारी विभाग अथवा निजी कंपनियां किसी व्यक्ति को बेवकूफ बनाकर ...

रायपुर: कोई भी दुकानदार आम आदमी को ठग नहीं सकता, कोई सरकारी विभाग अथवा निजी कंपनियां किसी व्यक्ति को बेवकूफ बनाकर उसके अधिकारों का हनन नहीं कर सकतीं। देर-सवेर न्याय अवश्य मिलता है। 67 साल के बुजुर्ग द्वारा कई बार शिकायत करने के बाद भी जब विभाग ने नहीं सुनी तो उसने मजबूर होकर कंज्यूमर फोरम का दरवाजा खटखटाया। आखिर फोरम ने सरकारी विभाग और निजी कंपनी को हर्जाना व जुर्माने का आदेश दिया।

यह दिया फैसला
डिस्ट्रिक्ट कंज्यूमर फोरम के अध्यक्ष उत्तरा कुमार कश्यप व सदस्य प्रिया अग्रवाल ने प्रधान डाकघर रायपुर को आदेश दिया कि सूट की कुल कीमत 29,500 रुपए, पार्सल शुल्क 5045 रुपए, कुल 34,545 रुपए वृद्ध को 18 प्रतिशत ब्याज सहित लौटाए जाएं। साथ ही मानसिक क्षतिपूर्ति के 5000 रुपए और वाद व्यय के 2000 रुपए भी दिए जाएं।

यह है मामला
बलौदा बाजार निवासी 67 साल के बुजुर्ग शिक्षक रमाकांत झा ने नामीबिया में नौकरी कर रहे अपने पुत्र के लिए 17 अप्रैल, 2015 को 5 जोड़ी सूट (पैंट-शर्ट) सिलवाकर डाक विभाग के माध्यम से पार्सल भेजा। 15-20 दिन बाद उसने अपने पुत्र से संपर्क  कर पूछा तो पता चला कि पार्सल पहुंचा ही नहीं। उसने रायपुर मुख्य डाकघर में पूछताछ की तो कहा गया कि कुछ दिनों में पार्सल पहुंच जाएगा।

इसके बाद 13 मई, 2015 को ऑनलाइन शिकायत की तो पता चला कि पार्सल गुम हो गया है और उसे ढूंढा जाना संभव नहीं है। बुजुर्ग ने पार्सल की शिकायत दर्ज करवानी चाही तो लिखित शिकायत लेने से मना कर दिया गया और पुन: आश्वासन देकर टाल दिया गया। वह हर 15 दिन में बलौदा बाजार से रायपुर आकर पार्सल की जानकारी लेते और हर बार टाल दिया जाता। आखिर मजबूर होकर उसने कंज्यूमर फोरम में शिकायत की।

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