इंजीनियरिंग छोड़ शुरू की जूता पॉलिश, कमाता है 2 करोड़

Edited By ,Updated: 05 Nov, 2016 02:05 PM

the shoe laundry sandeep gajakas

आपने जूते साफ करने वालों के इंजीनियर और इंजीनियर बनने के किस्‍से आए दिन सुने होंगे। ऐक ऐसा शख्स भी है जिसने इंजीनि‍यरिंग छोड़ जूता पॉलिश शुरू की।

नई दिल्‍लीः आपने जूते साफ करने वालों को इंजीनियर और डॉक्टर बनने के किस्‍से आए दिन सुने होंगे। ऐसा ही एक शख्स है जिसने इंजीनि‍यरिंग छोड़ जूता पॉलिश करना शुरू किया। संदीप गजकस ने जब मोची बनने का फैसला लिया तो उनके मां-बाप समेत कोई भी इस फैसले से खुश नहीं था। हालांकि आज उन्‍हें अपने बेटे पर गर्व होता है। संदीप गजकस आज द शू लॉन्‍ड्री नाम से अपनी शू पॉलिशिंग एंड रिपेयरिंग कंपनी चलाते हैं। कंपनी का सालाना टर्नओवर 2 करोड़ रुपए से भी ज्‍यादा है। देश के 10 स्‍टेट्स से भी ज्‍यादा में बिजनैस कर रही इनकी कंपनी विदेशों में भी पहुंच चुकी है। संदीप की इस कंपनी से आज फेमस शू ब्रांड नाइके, रिबोक, पुमा, फिला समेत कई बड़ी कंपनियां जुड़ी हुई हैं।

ऐसे शुरू किया शू पॉलिश का बिजनैस शुरू
संदीप गजकस नैशनल इंस्‍टीट्यूट ऑफ फायरिंग इंजीनियरिंग से इंजीनियरिंग कर चुके थे। वह जॉब के लिए गल्‍फ जाने की तैयारी कर रहे थे लेकिन तब ही 2001 में अमरीका पर 9/11 का अटैक हुआ और उन्‍होंने विदेश जाने का प्‍लान ड्रॉप कर दिया। विदेश में नौकरी का प्‍लान ड्रॉप करने के बाद संदीप ने शू पॉलिश का बिजनैस शुरू करने की ठानी। करीब 12,000 रुपए खर्च कर उन्‍होंने बिजनैस शुरू करने की तैयारी शुरू की। मां-बाप और दोस्‍तों को अपना यूनीक आइडिया समझाने के बाद कुछ महीनों तक संदीप ने खुद जूता पॉलिश की। अपने बाथरूम को वर्कशॉप बनाकर उन्‍होंने शू पॉलिशिंग को लेकर रिसर्च करना शुरू किया। इसके लिए उन्‍होंने अपने दोस्‍तों और रिश्‍तेदारों के जूते पॉलिश करने का काम किया।  

सफल होने के लिए पहले फेल होना सीखा
संदीप ने एक इंटरव्‍यू में बताया था कि वह जूता पॉलिश के बिजनैस को सिर्फ पॉलिश से निकालकर रिपेयरिंग तक ले जाना चाहते थे। ऐसे में उन्‍होंने काफी लंबे समय तक रिसर्च किया। इस दौरान उन्‍होंने लाखों रुपए खर्च किए और फेल होते रहे। संदीप ने बताया, 'मैं पुराने जूतों को एकदम नया बनाने और उन्‍हें रिपेयर करने के इनो‍वेटिव तरीके ढूंढ रहा था। मैंने रिसर्च पर सबसे ज्‍यादा समय बिताया और उस रिसर्च के बदौलत ही मैंने फाइन‍ली 2003 में अपना और देश की पहली द शू लॉन्‍ड्री कंपनी शुरू की। मैंने सफल होने के लिए पहले फेल होना सीखा और उन तरीकों को ढूंढा, जो मुझे नहीं करने चाहिए। मुंबई के अंधेरी इलाके में शुरू हुई गजकस की ये कंपनी आज देश के कई शहरों में पहुंच चुकी है। 

द शू लॉन्‍ड्री से जुड़कर आप भी कर सकते हैं कमाई
अगर आप बिजनेस शुरू करने की सोच रहे हैं, तो शू लॉन्‍ड्री कंपनी आपको इसका मौका दे रही है। संदीप गजकस की कंपनी अपनी फ्रेंचाइजी बेच रही है। मुंबई, पुणे, गोरखपुर समेत कई शहरों में यह कंपनी अपनी फ्रेंचाइजी खोल चुकी है और यह तेजी से अपनी फ्रेंचाइजी बढ़ाना चाहती है। ऐसे में आपके पास भी कंपनी से जुड़कर कमाई करने का मौका है। 6 से 10 लाख रुपए में कंपनी अपनी फ्रेंचाइजी दे रही है। अगर इस बिजनैस से जुड़ने की तैयारी कर रहे हैं, तो सीधे संदीप से बात की जा सकती है और इसका फायदा उठाया जा सकता है।

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