Edited By Punjab Kesari,Updated: 26 May, 2017 10:41 AM
युवावस्था में ही कस्टमर्स तक पहुंच बनाइए, यह कई कॉरपोरेट्स के लिए बिजनेस प्रिंसिपल है,
नई दिल्लीः युवावस्था में ही कस्टमर्स तक पहुंच बनाइए, यह कई कॉरपोरेट्स के लिए बिजनेस प्रिंसिपल है, लेकिन इस बार इसे एक यंग प्राइवेट सेक्टर लेंडर IDFC बैंक ने अपना कस्टमर बेस बढ़ाने और युवा आंत्रप्रेन्योर्स को अपने साथ जोड़ने के लिए अपनाया है। दो घंटों के भीतर करेंट अकाउंट खोलने का दावा करने वाले IDFC बैंक ने कई स्तरों पर अपने सिस्टम्स को मिनिस्ट्री ऑफ कॉरपोरेट अफेयर्स के साथ इंटीग्रेट किया है, इसका मकसद सरकार के साथ रजिस्टर्ड होने वाली कंपनियों को आसानी से ट्रैक करना है।
IDFC बैंक के चीफ एग्जिक्यूटिव ऑफिसर राजीव लाल के मुताबिक जब भी कोई कंपनी रजिस्टर्ड होती है तो बैंक की तरफ से 15 मिनट के भीतर एक ई-मेल कंपनी के पास जाता है, जिसमें हमारी तरफ से ऑफर की जाने वाली सहूलियतों पर पूरा ब्योरा रहता है। इसके बाद, जेनरेट होने वाली लीड को बैंक के रिलेशनशिप मैनेजर के द्वारा फॉलो अप किया जाता है।' बैंक के पास करीब 32,000 करेंट अकाउंट होल्डर्स हैं और इस साल के आखिर तक यह इनकी संख्या बढ़ाकर 50,000-62,000 करना चाहता है। इसके अलावा, बैंक के 80 फीसदी करेंट अकाउंट कस्टमर्स डिजिटल तरीके से बैंक के साथ जुड़े हुए हैं। हालांकि, हमारे पास 74 शाखाएं ही हैं।
क्या है यंग कस्टमर्स के लिए अन्य सुविधा
बैंक अपने क्लाइंट्स को, जिनमें छोटे प्रोप्राइटरी ओनर्स, फ्रीलांर्स, स्मॉल ट्रेडर्स और मर्चेंट्स शामिल हैं, को वह बेनेफिट्स ऑफर कर रहा है जो कि बड़े कॉरपोरेट्स को लुभाने के लिए ऑफर किए जाते हैं। बैंक प्रत्येक मर्चेंट को एक कॉमन डैशबोर्ड उपलब्ध कराता है, जिसमें वह अपने सभी सेविंग्स अकाउंट, करेंट अकाउंट्स के डिटेल्स के साथ अपने हर तरह के बेसिक ऑपरेशंस को देख सकता है। वहीं, अगर कस्टमर फॉरन एक्सचेंज ट्रेड्स और दूसरे एडवांस्ड ऑपरेशंस में सक्रिय है तो वह अलग डैशबोर्ड का रुख कर सकता है, जो कि कॉरपोरेट्स को ऑफर दिए जाने वाले डैशबोर्ड की तरह है।