Edited By Punjab Kesari,Updated: 28 Jun, 2017 11:38 AM
जनरल मोटर्स (जी.एम.) के भारतीय बाजार से बाहर निकलने को लेकर विरोध कर रहे उसके डीलरों का कहना है कि जी.एम. जाते-जाते
नई दिल्ली: जनरल मोटर्स (जी.एम.) के भारतीय बाजार से बाहर निकलने को लेकर विरोध कर रहे उसके डीलरों का कहना है कि जी.एम. जाते-जाते 15,000 लोगों की नौकरियां निगल जाएगी। सरकार को इसमें हस्तक्षेप करना चाहिए। कम्पनी का भारत में अपनी कारों की बिक्री नहीं करने का निर्णय एक ‘सोची-समझी साजिश’ है। डीलरों ने अपने कर्मचारियों समेत कम्पनी से पर्याप्त मुआवजा देने की मांग की है।यहां जंतर-मंतर पर विरोध कर रहे एक डीलर ने कहा, ‘‘यह स्पष्ट षड्यंत्र का मामला है। जब वे भारत में अपना परिचालन बंद करने की योजना बना रहे थे तब उन्होंने हमें अंधेरे में रखा।’’
कम्पनी के करीब 40 डीलरों ने अपने कर्मचारियों सहित आज यहां कम्पनी के निर्णय के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन किया। एक डीलर ने कहा कि सरकार ने कम्पनी को भारत में कारोबार करने के लिए कई तरह की सुविधाएं दीं। उन्होंने कहा कि हमने फैडरेशन ऑफ ऑटोमोबाइल्स डीलर्स एसोसिएशंस (फाडा) के माध्यम से प्रधानमंत्री कार्यालय और अन्य मंत्रालयों को इस बारे में लिखा है कि वे इस मामले में हस्तक्षेप करें। फाडा के महासचिव गुलशन आहूजा ने कहा कि वह यह चाहते हैं कि यह मामला सहमति से निपट जाए लेकिन अगर जरूरत पड़ी तो हम कानूनी रास्ता भी अख्तियार कर सकते हैं। संपर्क करने पर जनरल मोटर्स के प्रवक्ता ने कहा कि कम्पनी अपने डीलर सहयोगियों को एक पारदर्शी सहयोग पैकेज देगी जो सभी डीलरों के लिए होगा।