Edited By Punjab Kesari,Updated: 21 Sep, 2017 12:19 PM
आई.टी सैक्टर में छंटनी के बाद अब बैकिंग सैक्टर भी इसकी चपेट में आ गया है। बैकिंग सैक्टक में एक बड़ी हलचल
नई दिल्लीः आई.टी सैक्टर में छंटनी के बाद अब बैकिंग सैक्टर भी इसकी चपेट में आ गया है। यस बैंक ने 2,500 लोगों की छंटनी की है, जो उसके कुल कर्मचारियों का 10 पर्सेंट हिस्सा है। बैंक ने कहा कि खराब परफॉर्मेंस, डिजिटाइजेशन और कई लोगों की जरूरत नहीं रह जाने से छंटनी की गई है। यस बैंक में 21,000 लोग काम करते हैं। देश के प्राइवेट सेक्टर के बैंकों में यह एचडीएफसी के बाद दूसरी बड़ी छंटनी है। एचडीएफसी बैंक ने मार्च 2017 तक की तीन तिमाहियों में करीब 11,000 लोगों को नौकरी से निकाला था।
परफॉर्मेंस को देखते की गई छटंनी
यस बैंक ने ईमेल से दिए जवाब में बताया कि बैंक के रेग्युलर कैपिटल मैनेजमेंट प्रैक्टिस के तहत हम अधिक प्रॉडक्टिविटी और एफिशंसी सुनिश्चित करते हैं। इस आधार पर बैंक समय-समय पर परफॉर्मेंस को देखकर कुछ फैसले करता है।' इसमें यह भी कहा गया, 'नॉर्मल अप्रेजल के तहत हम हर साल सबसे खराब परफॉर्म करने वाले एंप्लॉयीज की पहचान करते हैं। हमने जो कदम उठाया है, यह दूसरे प्राइवेट सेक्टर बैंकों की तरह ही है।' अलग से बैंक ने बताया कि उसका अट्रिशन रेट बैंकिंग इंडस्ट्री के औसत के बराबर है। भारतीय बैंकिंग उद्योग में सालाना अट्रिशन रेट 16-22 पर्सेंट है।
बैंक के फैसले से कई लोग हैरान
बैंकिंग सूत्रों का कहना है कि जिन कर्मचारियों की जरूरत बैंक को नहीं रहेगी, वह उन्हें बाहर करेगा। इसके साथ वह अच्छे बिजनस स्कूलों और दूसरे बैंकों से जरूरी टैलेंट हायर करेगा। जून के अंत तक यस बैंक के कर्मचारियों की संख्या 20,851 थी। बैंक के मुताबिक, 'इससे भी कई एंप्लॉयीज की जरूरत खत्म हो सकती है।' यस बैंक के इस कदम ने कई लोगों को हैरान कर दिया है क्योंकि हाल ही में बैंक के चीफ राणा कपूर ने सीनियर मैनेजमेंट को लिखे लेटर में ब्रांच की संख्या बढ़ाकर 1,800 करने की बात की थी। अभी बैंक के पास 1,020 ब्रांच हैं।