PNB महाघोटाले के बाद बैंक करने जा रहा ये बड़ा बदलाव

Edited By Punjab Kesari,Updated: 22 Feb, 2018 06:09 PM

this big change going to bank after pnb accession

PNB महाघोटाले के बाद पंजाब नेशनल बैंक सर्तक हो गया। बैंक के डेढ़ लाख से ज्यादा कर्मचारियों पर ट्रांसफर की तलवार लटक रही है। पैसों की सुरक्षा को देखते हुए पीएनबी बैंक में कुछ बड़े बदलाव करने जा रहा है । बैंक अपने Swift नेटवर्क में बदलने की तैयारी कर...

नई दिल्लीः PNB महाघोटाले के बाद पंजाब नेशनल बैंक सर्तक हो गया। बैंक के डेढ़ लाख से ज्यादा कर्मचारियों पर ट्रांसफर की तलवार लटक रही है। पैसों की सुरक्षा को देखते हुए पीएनबी बैंक में कुछ बड़े बदलाव करने जा रहा है । बैंक अपने Swift नेटवर्क में बदलने की तैयारी कर ली है  करने जा रही है। आईए पहले समझिए क्या है SWIFT.....

SWIFT यानि Society for Worldwide Interbank Financial Telecommunications, जिसमें दुनियाभर के बैंक 'एक कोड सिस्टम' के जरिए वित्तीय लेनदेन का सुरक्षित आदान प्रदान करते हैं। SWIFT के जरिए किसी एक पूरे बैंक को धराशाही किया जा सकता है। मैकर, चैकर और वेरिफायर SWIFT में बहुत बड़ा रोल प्ले करते हैं। मैकर सिस्टम में मैसेज डालता है, चैकर उन मैसेजस की जांच करता है और वेरीफायर इन दोनों प्रक्रियाओं की जांच कर वेरीफाय करता है।

बैंक ने किए ये बदलाव
-बैंक की ओर से मुहैया कराई गई जानकारी के अनुसार Swift नेटवर्क को अब सिर्फ अधिकारी ही देखेंगे। इसका सीधा मतलब यह हुआ कि अब Swift की जानकारी क्लर्क स्तर के अधिकारियों को नहीं होगी। गौरतलब है कि नीरव मोदी मामले में अब तक 2 बैंक कर्मचारियों समेत 10 अन्य लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। आइए आपको बताते हैं कि पीएनबी ने अपने Swift सिस्टम में कौन से बड़े बदलाव किए हैं ताकि आगे से ऐसे फ्रॉड को अंजाम ना दिया जा सके।
-बैंक ने फैसला लिया है कि अब Swift के जरिए किए जाने वाले ट्रांजैक्शन के दौरान अफसर की लिमिट तय करने का फैसला लिया है। 
- जानकारी के अनुसार पीएनबी ने मुंबई में एक ट्रेजरी डिवीजन भी बनाई है। जिसका काम होगा कि बैंक की ओर से भेजे गए स्विफ्ट मैसेजस की दोबारा जांच करें। अगर मैसेज किसी भी परस्थिति में रिजेक्ट हो जाए तो उसे ऑडिट के लिए रिकॉर्ड में रखा जाएगा।

एेसी होती है पूरी प्रक्रिया
अब इस SWIFT मैसेज को विदेशी बैंक (जिस बैंक से लोन लेना है) के पास भेजा जाता है, विदेशी बैंक उसे वेरिफाय करने बाद, SWIFT मैसेज को वापस पहले वाले बैंक के एक सक्षम अधिकारी के पास भेजता है, जो मैकर, चैकर और वेरिफायर से अलग होता है। विदेशी बैंक से जो SWIFT मैसेज आता है, बहुत ज्यादा सीक्रेट होता है। अब इस फ्रॉड से पता चलता है कि नीरव मोदी के मामले में SWIFT की पूरी प्रक्रिया पीएनबी के डिप्टी मैनेजर गोकुलनाथ शेट्टी अकेले ने ही निभाई थी।

 

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