जुलाई से पहले सस्ता हो सकता है यह सामान, मिलेगा भारी डिस्काऊंट

Edited By Punjab Kesari,Updated: 02 Jun, 2017 06:35 PM

this equipment will be cheaper before july a heavy discount

अगर आप एसी, टीवी, फ्रिज, वाशिंग मशीन खरीदना चाहते हैं तो 1 जुलाई से पहले आपके पास बहुत अच्छा मौका है। सरकार 1 जुलाई से गुड्स और सर्विस टैक्स (जी.एस.टी.) लागू करने वाली है।

नई दिल्लीः अगर आप एसी, टीवी, फ्रिज, वाशिंग मशीन खरीदना चाहते हैं तो 1 जुलाई से पहले आपके पास बहुत अच्छा मौका है। सरकार 1 जुलाई से गुड्स और सर्विस टैक्स (जी.एस.टी.) लागू करने वाली है। जिसकी वजह से एसी, टी.वी. सहित दूसरे होम अप्लायंस पर डिस्ट्रीब्यूटर और रिटेलर ने स्टॉक क्लीयरेंस सेल शुरू कर दी है। सेल में 50 फीसदी तक का डिस्काऊंट ऑफर कर रहे हैं। दरअसल कारोबारियों को डर है कि जी.एस.टी. लागू होने से पहले अगर उनका स्टॉक क्लीयर नहीं हुआ तो उन्हें इन्पुट क्रेडिट का पूरा लाभ नहीं मिलेगा। जिस कारण वह डिस्काऊंट दे रहे हैं।

रिटेलर और डिस्ट्रीब्यूटर क्यों दे रहे हैं डिस्काऊंट
कन्ज्यूमर ड्यूरेबल रिटेल चेन के अधिकारी ने बताया कि सैमसंग, इलेक्ट्रोलक्स, प्रेस्टीज और वीडियोकॉन जैसी सभी कंपनियों के प्रोडक्ट पर डिस्काऊंट मिलना शुरू हो सकता है। एक और अधिकारी के अनुसार जी.एस.टी. में जिनके पास बिल नहीं होगा, उनको पुराने स्टॉक्स पर सिर्फ 40 फीसदी इनपुट क्रेडिट मिलेगा। इसका सीधा असर डिस्ट्रीब्यूटर और सप्लाई चेन पर पड़ेगा, क्योंकि उन्हें 1 जुलाई से पहले वाले ट्रांजीशन इन्वेटरी (पुराने स्टॉक) पर 40 फीसदी पर ही इनपुट क्रेडिट मिलेगा। यानी उन्हें जी.एस.टी. में पुराने स्टॉक पर 4 से 5 फीसदी का नुकसान उठाना पड़ सकता है। इस नुकसान से बचने के लिए भी रिटेलर और डिस्ट्रीब्यूटर पुराना स्टॉक निकालने के लिए डिस्काऊंट दे रहे हैं।

नुकसान कम करने के लिए कंपनियां अपना रही हैं ये स्ट्रैटजी
डिस्ट्रीब्यूटर और रिटेलर के मुताबिक कंपनियां एक्साइज और वैट का अलग बिल बनाकर भेज रही हैं, ताकि वह एक्साइज के बिल पर 100 फीसदी इनपुट क्रेडिट ले सके लेकिन जिन इन्वॉइस पर एक्साइज और वैट का बिल अलग नहीं है, उन पर डिस्ट्रीब्यूटर, रिटेलर को जी.एस.टी. आने के बाद 100 फीसदी इनपुट क्रेडिट का लाभ नहीं मिल पाएगा।

क्या होता है इन्पुट क्रेडिट?
इन्पुट या रॉ-मैटेरियल खरीदते समय दिए जा चुके टैक्स का एडजस्टमेंट आउटपुट या फाइनल प्रोडक्ट पर दिए जाने वाले टैक्स के समय किया जा सकता है। उदाहरण के तौर पर अगर आप मैन्युफैक्चर हैं और आपने रॉ-मैटेरियल खरीदते समय 300 रुपए टैक्स दिया है। आपके बनाए फाइनल प्रोडक्ट पर टैक्स 450 रुपए लगता है। ऐसे में आप पहले ही रॉ मैटेरियल खरीदने पर 300 रुपए टैक्स दे चुके हैं, तो ऐसे में आप (मैन्युफैक्चर) सरकार को 150 रुपए ही और टैक्स देगा।

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