Edited By ,Updated: 21 Jun, 2016 02:21 PM
देश के विभिन्न राज्यों में पैदावार घटने से टमाटर की कीमतें अचानक आसमान चढ़ गईं। कीमतें चौगुनी होने के बावजूद किसान लागत तक वसूल नहीं कर पा रहे हैं।
नई दिल्लीः देश के विभिन्न राज्यों में पैदावार घटने से टमाटर की कीमतें अचानक आसमान चढ़ गईं। कीमतें चौगुनी होने के बावजूद किसान लागत तक वसूल नहीं कर पा रहे हैं। दरअसल बीते दिनों सूखे के कारण महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश के बड़े हिस्से में फसल में कई तरह के वायरस आने से लगभग 90 फीसदी फसल तक बर्बाद हो गई। इससे बढ़ी कीमतें भी किसानों को राहत नहीं दिला सकी।
सूखे से देश भर में प्रभावित हुई तमाम फसलों में से टमाटर भी अछूतानहीं रहा। मार्च, अप्रैल और मई में पड़ी बेतहाशा गर्मी से टमाटर की फसल खराब हो गई। एक अनुमान के मुताबिक मार्च-अप्रैल में लगने वाले टमाटर की 90 फीसदी तक फसल बर्बाद हो चुकी है। ऐसे में जहां एक एकड़ में 70 टन तक पैदावार ली जाती थी, यह इस वक्त 6 से 7 टन के करीब भी नहीं रही है। ऐसे में टमाटर के थोक के भाव 60-70 रुपए तक पहुंच गए हों लेकिन किसानों को लागत भी नहीं मिल रही है। एक एकड़ टमाटर की फसल को लगाने और उत्पादन तक करीब 70 हजार रुपए का खर्च आता है। ऐसे में किसान को टमाटर बेचने और खर्च निकालने के बाद महज 30 से 40 हजार रुपए ही हाथ में आ रहे हैं।