Edited By Punjab Kesari,Updated: 28 Nov, 2017 01:51 PM
ट्राई ने नेट न्यूट्रैलिटी पर अपनी सिफारिशें दे दी हैं जिसमें कहा गया है कि टेलीकॉम कंपनियों को बिना भेद-भाव के एक्सेस देना होगा। कंपनियां किसी की स्पीड घटा या बढ़ा नहीं सकेंगी। इस सिफारिश में यह भी कहा गया है कि टेलीकॉम कंपनियां करार करके नेट सेवाएं...
नई दिल्लीः ट्राई ने नेट न्यूट्रैलिटी पर अपनी सिफारिशें जारी कर दी हैं जिसमें कहा गया है कि टेलीकॉम कंपनियों को बिना भेद-भाव के एक्सेस देना होगा। कंपनियां किसी की स्पीड घटा या बढ़ा नहीं सकेंगी। इस सिफारिश में यह भी कहा गया है कि टेलीकॉम कंपनियां करार करके नेट सेवाएं दें।
एक तरह का ही कंटेट मुहैया होगा
ट्राई ने नेट न्यूट्रैलिटी पर सुझाव देते हुए लाइसेंस एग्रिमेंट में संशोधन की भी सिफारिश की है। ट्राई का कहना है कि सर्विस प्रोवाइडर सेवा उपलब्ध करवाने में भेदभाव नहीं कर सकता। उसको सबको एक तरह का कंटेट मुहैया करवाना चाहिए। ट्राई के मुताबिक इंटरनेट ऑफ थिंग्स नेट न्यूट्रैलिटी में शामिल है। कंपनियां स्पीड घटा या बढ़ा नहीं सकतीं।
निगरानी के लिए बनेगी कमेटी
कोई इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर नियमों का उल्लंघन न कर सके इसके लिए ट्राई ने एक मॉनिटरिंग कमेटी बनाने की सिफारिश की है। यह कमेटी नियमों के उल्लंघन की जांच भी करेगी। केंद्र सरकार ट्राई की सिफारिशों के आधार पर पर नेट न्यूट्रलिटी पर पॉलिसी बनाएगी।