डिजीटल इंडियाः सितंबर में बढ़ा कार्डों से लेनदेन ,74,000 करोड़ रुपए से हुआ पार

Edited By Punjab Kesari,Updated: 19 Nov, 2017 06:19 PM

transactions from increased cards in september

देश में सितंबर में डेबिट और क्रेडिट कार्डों से लेनदेन या भुगतान 84 प्रतिशत के जोरदार उछाल के साथ 74,090 करोड़ रुपए पर पहुंच गया, जो सितंबर, 2016 में 40,130 करोड़ रुपए था। एक अध्ययन में कहा गया है कि सरकार द्वारा गैर नकद लेनदेन को प्रोत्साहन देने की...

मुंबईः देश में सितंबर में डेबिट और क्रेडिट कार्डों से लेनदेन या भुगतान 84 प्रतिशत के जोरदार उछाल के साथ 74,090 करोड़ रुपए पर पहुंच गया, जो सितंबर, 2016 में 40,130 करोड़ रुपए था। एक अध्ययन में कहा गया है कि सरकार द्वारा गैर नकद लेनदेन को प्रोत्साहन देने की वजह से कार्डों के जरिये भुगतान में उल्लेखनीय इजाफा हो रहा है।

यूरोपीय भुगतान समाधान प्रदाता वर्ल्डलाइन ने भारतीय रिजर्व बैंक के आंकड़ों का हवाला देते हुए कहा है कि सभी पॉइंट आफ सेल्स (पीआेएस) पर सितंबर में लेनदेन 86 प्रतिशत बढ़कर 37.8 करोड़ पर पहुंच गया, जो पिछले साल समान महीने में 20.3 करोड़ था। वर्ल्डलाइन के मुख्य कार्यकारी (दक्षिण एशिया और पश्चिम एशिया) दीपक चंदनानी ने कहा, नोटबंदी के बाद लोगों को अपने रोजर्मा के खर्च का भुगतान डिजिटल तरीके से करना पड़ रहा है। नोटबंदी के बाद अब प्रणाली में नकदी पर्याप्त मात्रा में आ गई है, इसके बावजूद डिजिटल भुगतान में उल्लेखनीय इजाफा देखने को मिल रहा है।

सर्वे में कहा गया है कि अगस्त, 2014 में प्रधानमंत्री जन धन योजना (पीएमजेडीवाई) के कार्ड के इस्तेमाल को प्रोत्साहन दिया जा रहा है। सितंबर, 2017 तक कुल कार्डों की संख्या 85.3 करोड़ थी। इसमें 3.33 करोड़ क्रेडिट कार्ड तथा 81.98 करोड़ डेबिट कार्ड हैं। सर्वे में कहा गया है कि डेबिट कार्ड की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है। 2015 में जनधन खातों की वजह से डेबिट कार्ड की संख्या में 39 प्रतिशत का इजाफा हुआ। नोटबंदी के बाद डेबिट कार्ड की वृद्धि दर औसतन 22 प्रतिशत रही।  2016 से 2017 के दौरान क्रेडिट कार्ड की वृद्धि दर 24 प्रतिशत रही है। 2011 से 2016 के दौरान क्रेडिट कार्ड की वृद्धि दर 9 प्रतिशत रही है।
 

Related Story

India

397/4

50.0

New Zealand

327/10

48.5

India win by 70 runs

RR 7.94
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!