Edited By Punjab Kesari,Updated: 29 Jul, 2017 11:27 AM
विदेश में बैठे आप्रवासी भारतीयों (एन.आर.आइज) में शेयर बाजार में निवेश करने का रुझान लगा....
जालंधर: विदेश में बैठे आप्रवासी भारतीयों (एन.आर.आइज) में शेयर बाजार में निवेश करने का रुझान लगातार बढ़ता जा रहा है। दुनिया भर में पौने 3 करोड़ आप्रवासी भारतीय रहते हैं और इनमें से कई लोग भारत में सीधे तौर पर या शेयर मार्कीट द्वारा निवेश करके लाभ कमाते हैं। गत वित्त वर्ष के आंकड़ों पर नजर दौड़ाई जाए तो पता चलता है कि एन.आर.आइज शेयर बाजार पर ज्यादा भरोसा कर रहे हैं। गत वित्त वर्ष में एन.आर.आइज ने प्रत्यक्ष विदेशी निवेश में जहां 1.5 करोड़ रुपए का निवेश किया, वहीं शेयर बाजार में और ज्यादा दिलचस्पी दिखाते हुए 1488.3 करोड़ रुपए का निवेश किया गया। इस साल भी एन.आर.आइज की शेयर बाजार में और ज्यादा दिलचस्पी देखने को मिली। वर्ष 2017 की शुरूआत में ही जहां एन.आर.आइज की तरफ से प्रत्यक्ष विदेशी निवेश में 78.17 करोड़ रुपए का निवेश किया गया, वहीं शेयर मार्कीट में 3420.75 करोड़ रुपए का निवेश किया गया।
इसी तरह वर्ष 2014-15 में एन.आर.आई. भाइयों की तरफ से सीधे विदेशी निवेश में 1054.11 करोड़ जबकि शेयर बाजार में 1262.2 करोड़ रुपए, वर्ष 2015-16 दौरान सीधे विदेशी निवेश में 1675.5 करोड़ जबकि शेयर बाजार में 13406.0 करोड़ रुपए का निवेश किया गया।
यदि एन.आर.आइज सीधे तौर पर विदेशी निवेश करते हैं तो इसके साथ जहां रोजगार मिलता है, वहीं इसका लाभ सरकार को भी होता है परन्तु यदि वे शेयर बाजार में अपना पैसा लगाते हैं तो इसका सीधे तौर पर लाभ मिलता है। यही कारण है कि एन.आर.आइज की दिलचस्पी सीधे विदेशी निवेश से कम हो शेयर बाजार में बढ़ी है।