Edited By ,Updated: 15 Apr, 2017 04:29 PM
कॉरपोरेट क्राइसेस के बीच एप्प बेस्ड टैक्सी कंपनी उबर पहली बार अपना रिजल्ट जारी करने को मजबूर हुई है। कंपनी ने वर्ष 2016 में कुल 18 हजार करोड़ रुपए (2.80 अरब डॉलर) का लॉस दर्ज किया
न्यूयॉर्कः कॉरपोरेट क्राइसेस के बीच एप्प बेस्ड टैक्सी कंपनी उबर पहली बार अपना रिजल्ट जारी करने को मजबूर हुई है। कंपनी ने वर्ष 2016 में कुल 18 हजार करोड़ रुपए (2.80 अरब डॉलर) का लॉस दर्ज किया, हालांकि उबर का कुल रेवेन्यू दोगुने से ज्यादा बढ़कर लगभग 20 अरब डॉलर (1.30 लाख करोड़ रुपए) हो गया। हालांकि उबर के लिए अपना रिजल्ट जारी करना जरूरी नहीं है।
आखिर क्यों जारी करने पड़े नतीजे
उबर एक निजी स्वामित्व वाली कंपनी है, इसलिए उसके लिए नतीजे जारी करना जरूरी नहीं था। कंपनी द्वारा अब नतीजे जारी करने की वजह पब्लिक रिलेशन से जुड़ी क्राइसेज के बाद कर्मचारियों, इन्वेस्टर्स और आम पब्लिक में अपने प्रति भरोसा बढ़ाने का प्रयास हो सकता है। कुछ महीने पहले अमरीका में कंपनी के एक पूर्व कर्मचारी ने सार्वजनिक तौर पर सेक्सिज्म और हैरेसमेंट के आरोप लगाए थे, जिनकी उबर जांच करा रही है। इस प्रकरण में उबर के कम्युनिकेशन हेड को इस्तीफा भी देना पड़ा था। इसके बाद जनवरी में उबर को व्यापक स्तर पर बायकॉट का सामना करना पड़ा। सोशल मीडिया पर भी कंपनी के खिलाफ #DeleteUber कैंपेन चला।