UIDAI ने प्लास्टिक आधार कार्ड छापने वाली एजेंसियों को आगाह किया

Edited By ,Updated: 30 Jan, 2017 11:58 AM

uidai warns against agencies printing plastic aadhaar cards

भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) ने 50 से 200 रुपए लेकर प्लास्टिक आधार कार्ड देने वाली इकाइयों को आगाह किया है

नई दिल्ली: भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) ने 50 से 200 रुपए लेकर प्लास्टिक आधार कार्ड देने वाली इकाइयों को आगाह किया है। प्राधिकरण ने जोर देकर कहा कि कागज पर छपा आधार पूरी तरह वैध है और स्मार्ट या प्लास्टिक कार्ड जैसी कोई धारणा नहीं है। यूआईडीएआई ने लोगों को इस झांसे में नहीं पडऩे को लेकर आगाह करते हुए कहा कि आधार का कटा हुआ हिस्सा या साधारण कागज पर डाउनलोड किया गया आधार हर प्रकार के उपयोग के लिए पूरी तरह वैध है।

यूआईडीएआई के मुख्य कार्यपालक अधिकारी अजय भूषण पांडे ने एक बयान में कहा कि साधारण कागज पर आधार कार्ड या डाउनलोड किया हुआ आधार हर प्रकार के उपयोग के लिए पूरी तरह वैध है। अगर किसी व्यक्ति के पास कागज आधार कार्ड है तो उसे अपने आधार कार्ड को लैमिनेटेड या पैसा देकर प्लास्टिक आधार कार्ड या तथाकथित स्मार्ट आधार कार्ड लेने की कोई आवश्यकता नहीं है। स्मार्ट कार्ड या प्लास्टिक आधार कार्ड की इसमें कोई धारणा नहीं है। उन्होंने आधार कार्ड रखने वालों से अपनी निजता का संरक्षण करने को कहा और लोगों से उसपर कोई परत चढ़ाने अथवा प्लास्टिक कार्ड पर छपाई के लिए अनाधिकृत एजेंसियों के साथ अपना आधार संख्या या व्यक्तिगत ब्योरा साझा करने से मना किया है।

बयान के अनुसार यूआईडीएआई ने इसको लेकर अनाधिकृत एजेंसियों को भी आगाह किया है। उन्होंने इन अनाधिकृत एजेंसियों से कहा है कि वह आम जनता से आधार की सूचनायें नहीं जुटाएं। इस तरह की सूचना जुटाना, आधार कार्ड का बिना अनुमति प्रकाशन करना और इस तरह के लोगों को किसी भी तरह मदद पहुंचाना भारतीय दंड संहिता के तहत अपराध है। यह आधार कानून 2016 के अध्याय छह के तहत भी अपराध है।

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