Edited By ,Updated: 28 Mar, 2017 03:15 PM
रेलवे ने एकीकृत सॉफ्टवेयर के लिए एक बड़ी आईटी पहल की...
नई दिल्लीः रेलवे ने एकीकृत सॉफ्टवेयर के लिए एक बड़ी आईटी पहल की, जिसे गेम चेंजर के तौर पर देखा जा रहा है। यह रेलवे के लिए आगामी वर्षों में करीब 50 हजार करोड़ रुपए बचा सकता है। रेलवे के लिए अपनी तरह के पहले इंटीग्रेटेड सॉफ्टवेयर 'आईआर-वनआईसीटी' न्यूनतम हैंडलिंग के साथ डेटा एकत्र करेगा और इससे डाटा संग्रह का काम आसान होगा।
अाएगा इतना खर्च
'आईआर-वनआईसीटी' रेल सेक्टर की मान्य और प्रामाणिक जानकारी के लिए एकमात्र स्रोत बन जाएगा। अनुमान है कि इस पर 5,000 करोड़ रुपए का खर्च आएगा। रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने यहां नैसकाम के सहयोग से आयोजित डिजिटल रेलवे फॉर डिजिटल इंडिया कांफ्रेंस में कहा कि हम प्रणालियों, प्रक्रियाओं, क्षमता बढ़ाने में सुधार के लिए आईटी का लाभ उठाने हेतु एकीकृत, विस्तृत रणनीति पर काम कर रहे हैं। रेलवे के पास विभिन्न उद्देश्यों के लिए विकसित सॉफ्टवेयर हैं लेकिन, अब तेज रफ्तार से डेटा संग्रहण एवं विश्लेषण के लिए एकीकृत सॉफ्टवेयर विकसित करने का प्रयास किया गया है।
रेलवे के लिए साबित होगा महत्वपूर्ण बदलाव
पिछले कई वर्षों से आईटी क्षेत्र में भारी वृद्धि देखी गई है। आईटी क्षेत्र में बहुत अधिक अवसर हैं। आईटी उद्योग चारों और व्यापार के रूप में फैल रहा है। आईटी उद्योग ने बहुत अच्छा प्रदर्शन किया है और भारत में बहुत अधिक संभावनाएं मौजूद है। उन्होंने कहा कि भारतीय रेलवे व्यापक अवसर प्रदान करता है। भारतीय रेल का मतलब केवल संचालन से ही नहीं है। भारतीय रेलवे में चिकित्सा, शिक्षा, समाज, पर्यावरण जैसे विभिन्न क्षेत्रों की अन्य बहुत सी गतिविधियां शामिल हैं। उन्होंने कहा कि इस उद्यम के माध्यम से विक्रेता और रेलवे दोनों को बराबर फायदा होना चाहिए। यह एक महत्वपूर्ण बदलाव होगा।