पटेल के पास NPA के खिलाफ लड़ाई को खत्म करने का बेहतरीन मौका

Edited By ,Updated: 08 May, 2017 02:00 PM

urjit patel has a chance to end the fight against npa

दुनिया के सबसे खराब ऋण अनुपात को कम करने के कम से कम तीन प्रस्तावों के असफल होने...

नई दिल्लीः दुनिया के सबसे खराब ऋण अनुपात को कम करने के कम से कम तीन प्रस्तावों के असफल होने के बाद भारत ने उधारदाताओं को प्रोत्साहन देने के लिए केंद्रीय बैंक की शक्ति से जुड़े कानून में संशोधन किया है। भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर उर्जित पटेल के पास उस लड़ाई को खत्म करने का मौका है जिसे पूर्व आर.बी.आई. गवर्नर रघुराम राजन ने 180 बिलियन डॉलर के स्ट्रेस्ड एसेट्स (एन.पी.ए.) के खिलाफ शुरु किया था।

पटेल के पास है बेहतरीन मौका
आर.बी.आई. गवर्नर उर्जित पटेल अपने मौद्रिक नीति के निर्णयों के साथ बाजार को आश्चर्यचकित कर चुके हैं और प्रधानमंत्री मोदी के नोटबंदी के कदम के मद्देनजर संचार की कमी के लिए आलोचनाओं का भी सामना कर चुके हैं। अब सरकार का यह कदम पटेल के लिए एक बेहतरीन मौका है। पटेल ने पूर्व गवर्नर के उस काम को आगे बढ़ाया है, जिसमें राजन ने उधारदाताओं को पहचानने और क्रेडिट के प्रावधानों को बढ़ाए जाने पर जोर दिया था। साथ ही राजन ने जिस बैड लोन की स्थापना की वकालत की थी उसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से भी सहमति जताई जा चुकी है।

NPA से निपटने के लिए RBI के पास ज्यादा अधिकार
इसके अलावा संशोधन पटेल को अनुमति देते हैं कि वो बकाया कर्ज के खिलाफ प्रक्रिया में तेजी ला सकें जिससे कि भारत के निवेश चक्र को पुनर्जीवित करने और नौकरियों के सृजन में मदद मिलेगी। गौरतलब है कि हाल ही में सरकार ने बैड लोन से जुड़ी समस्या को निपटाने के लिए आर.बी.आई. को ज्यादा अधिकार दिए हैं।
 

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