Edited By ,Updated: 17 May, 2017 10:03 AM
सुरक्षा सॉफ्टवेयर बनाने वाली कंपनी क्विक हील का कहना है कि उसने भारत में वानाक्राई रैन्समवेयर के हमले के 48,000 मामले पाए हैं
नई दिल्लीः हाल ही में हुए रैंसमवेयर साइबर हमले ने दुनिया के कई देशों को प्रभावित किया है। इस साइबर हमले से 150 से अधिक देशों में 2,00,000 इकाईयां प्रभावित हुई हैं। माइक्रोसॉफ्ट के एक्सपी जैसे पुराने ऑपरेटिंग सिस्टम पर चलने वाले कंप्यूटर इस मालवेयर से सर्वाधिक प्रभावित हुए हैं। सुरक्षा सॉफ्टवेयर बनाने वाली कंपनी क्विक हील का कहना है कि उसने भारत में वानाक्राई रैन्समवेयर के हमले के 48,000 मामले पाए हैं। इस हमले में माइक्रोसॉफ्ट के विंडोज ओएस पर चलने वाले सिस्टम इस्तेमाल कर रहे कारोबारी और व्यक्ति निशाने पर रहे हैं।
अस्पतालों और परिवहन नेटवर्क को पहुंचा ज्यादा नुकसान
वानाक्राई बग ने 150 देशों में कंप्यूटर सिस्टमों, विशेष रूप से अस्पतालों और परिवहन नेटवर्क को नुकसान पहुंचाया है। इस बग के लिए भारत की कंप्यूटर इमरजेंसी रिस्पॉन्स टीम (सीईआरटी) ने 13 अप्रैल को गंभीर चेतावनी जारी की थी, लेकिन सोमवार को सी.ई.आर.टी.-इन ने कहा कि भारत इस हमले से ज्यादा प्रभावित नहीं हुआ है। क्विक हील के एम.डी.और सी.टी.ओ.संजय काटकर ने एक बयान में कहा कि यह हमला किसी विशेष उद्योग को लक्षित करते हुए नहीं किया गया है। पिछले कुछ दिनों के दौरान हमें शिक्षा, बैंकिंग, वित्त, विनिर्माण, स्वास्थ्य एवं कुछ सेवा क्षेत्रों से परेशान ग्राहकों की कॉल आई हैं। क्विक हील ने कहा कि भारत में 60 फीसदी हमले उद्योगों पर और 40 फीसदी व्यक्तिगत ग्राहकों पर हुए हैं।
कोलकाता में सबसे ज्यादा असर
वानाक्राई का हमला कोलकाता में सबसे ज्यादा रहा है। उसके बाद क्रमश: दिल्ली, भुवनेश्वर, पुणे और मुंबई का स्थान रहा। वानाक्राई बग जिस कंप्यूटर को संक्रमित करता है, उसकी अहम फाइलों को एनक्रिप्ट कर देता है। इन फाइलों तक फिर से पहुंचने के लिए हमलावर बिटकॉइन के जरिये 300 डॉलर के भुगतान की मांग कर रहे हैं।
महाराष्ट्र में जारी हुआ हैल्पलाईन नम्बर
गौरतलब है कि महाराष्ट्र उन गिने-चुने राज्यों में एक है जिसने रैंसमवेयर साइबर हमले से निपटने के लिए हेल्पलाइन (02536631777) शुरू की है।आई.पी.एस. बृजेश सिंह महाराष्ट्र में साइबर के प्रमुख हैं। पुलिस के मुताबिक, हेल्पलाइन की घोषणा के बाद से दोपहर तक ही 282 कॉल आ चुकी थीं, जिनमें हमले से प्रभावित लोगों के साथ उससे बचने के उपाए जानने की इच्छा रखने वाले शामिल हैं, और यह हेल्पलाइन केवल दो दिनों के लिए शुरू की गई है।
हमले से बचने के लिए ये सलाह
सी.ई.आर.टी.-इन ने सलाह दी थी कि हमले के पीडि़त व्यक्ति फिरौती नहीं दें और अनुसंधानकर्ताओं द्वारा एक 'की' विकसित किए जाने का इंतजार करें, जिससे वे अपनी फाइलों को फिर से खोल पाएंगे। सी.ई.आर.टी.-इन और क्विक हील ने सिस्टम एडमिन और लोगों को सलाह दी है कि वे विंडोज को माइक्रोसॉफ्ट द्वारा जारी ताजा सिक्योरिटी पैचेज से अपडेट करें। यूजर अपने डाटा का बैकअप भी ले सकते हैं ताकि वानाक्राई रैन्समवेयर से उनके सिस्टम प्रभावित होने पर उनका डाटा गायब न हो।