किचन का बजट बिगाड़ रही सब्जियां

Edited By Punjab Kesari,Updated: 11 Nov, 2017 09:06 AM

vegetables spoiling budget kitchen

चुनाव के माहौल में केन्द्र सरकार दावा कर रही है कि रिटेल महंगाई कम हो रही है, मगर दूसरी तरफ  सब्जियों की कीमतें फिर फन उठा रही हैं। लोगों को ठंड के मौसम में सस्ती हरी सब्जियों का इंतजार रहता है लेकिन इस बार मामला उम्मीद के उलट है। पिछले एक महीने से...

नई दिल्लीः चुनाव के माहौल में केन्द्र सरकार दावा कर रही है कि रिटेल महंगाई कम हो रही है, मगर दूसरी तरफ  सब्जियों की कीमतें फिर फन उठा रही हैं। लोगों को ठंड के मौसम में सस्ती हरी सब्जियों का इंतजार रहता है लेकिन इस बार मामला उम्मीद के उलट है। पिछले एक महीने से सब्जियों के दाम आसमान पर चढ़े हैं जो उतरने का नाम ही नहीं ले रहे। हरी सब्जियों के साथ ही प्याज, टमाटर की कीमतों में जोरदार बढ़ौतरी देखने को मिल रही है। इससे आम लोगों के किचन का बजट बिगड़ गया है। हालांकि महंगाई को लेकर सरकार अलर्ट हो गई है।

सूत्रों के अनुसार बढ़ती कीमतों के कारणों पर सर्वे रिपोर्ट तैयार की जा रही है। खाद्य मंत्रालय की आंतरिक रिपोर्ट के अनुसार कई हिस्सों में बेमौसमी बारिश के कारण सब्जियों की आवक कम हो रही है जिससे कीमतें बढ़ रही हैं। दक्षिण भारत, महाराष्ट्र में बेमौसमी बारिश से सब्जियों के दाम बढ़े। इसका असर दिल्ली एन.सी.आर., मुम्बई, हैदराबाद जैसे कई शहरों में देखने को मिला है। इसके अलावा बेमौसमी बारिश से बड़े शहरों में टमाटर सहित प्याज की सप्लाई आधी हुई है। हालांकि इस साल सब्जियों का उत्पादन 1762 लाख टन रहने का अनुमान है। पिछले साल देश में सब्जियों का कुल उत्पादन 1690 टन रहा था।

रोग लगने से सूख रही फसलें
मंडी में सब्जी की कम आवक फसलों पर रोग लगने से हुई है। टमाटर, धनिया और अन्य बेल वाली सब्जियों पर रोग लग गया है। इसकी वजह से हरी-भरी फसल कुछ ही दिन में सूख रही है। इस बीमारी का सबसे ज्यादा असर टमाटर पर पड़ा है। एक किसान का कहना है कि टमाटर व अन्य सब्जियों पर उगता रोग लगा है। इससे अचानक खड़ी फसल सूख जाती है। यही एक वजह है कि टमाटर सहित अन्य सब्जियों की आवक में कमी आई है। यही हाल रहा तो सब्जियों के दाम बढ़ सकते हैं।

कीमतों में तेजी का तड़का
50 से 70 रुपए किलो बिक रहा टमाटर बाजार में
70 से 80 रुपए में मिल रही है शिमला मिर्च
60 से 70 रुपए में हैं हरी सब्जियां
60 रुपए तुरई, 150 रुपए मटर
60 रुपए किलो गाजर

केन्द्र ने मांगा राज्यों से सहयोग
खाद्य उपभोक्ता मंत्रालय के अधिकारियों का कहना है कि निश्चित रूप से सब्जियों की आवक कम हुई है, मगर इसके दामों में बढ़ौतरी अनुमान से ज्यादा है। यही कारण है कि हमने राज्यों से इस मामले में सहयोग मांगा है। इसके लिए राज्यों के प्रतिनिधियों के साथ जल्द बैठक करने की रणनीति बनाई जा रही है। हम चाहते हैं कि रिटेल मार्कीट में कीमतों को लेकर मनमानी न हो। ग्राहकों को अनावश्यक रूप से ज्यादा कीमतें न चुकानी पड़ें। खाद्य उपभोक्ता मंत्री रामविलास पासवान के अनुसार यह सरकार अपनी बेहतर गवर्नैंस के बल पर किसी भी स्थिति से निपटने में सक्षम है और हमने इस बात को साबित भी किया है। आम आदमी को खाद्य वस्तुएं सही दामों पर मिलें, इसके लिए सरकार हर कदम उठाएगी।

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