Edited By Punjab Kesari,Updated: 27 Mar, 2018 04:22 PM
निजी क्षेत्र की दूरसंचार कंपनियों, वोडाफोन और आइडिया सेल्युलर की विलय योजना मंजूरी के अंतिम चरण में है। विलय के बाद यह देश की सबसे बड़ी दूरसंचार कंपनी होगी। दूरसंचार सचिव अरुणा सुंदरराजन ने आज यह जानकारी दी।
नई दिल्लीः निजी क्षेत्र की दूरसंचार कंपनियों, वोडाफोन और आइडिया सेल्युलर की विलय योजना मंजूरी के अंतिम चरण में है। विलय के बाद यह देश की सबसे बड़ी दूरसंचार कंपनी होगी। दूरसंचार सचिव अरुणा सुंदरराजन ने आज यह जानकारी दी।
पिछले सप्ताह ही वोडाफोन और आइडिया ने विलय के बाद बनने वाली संयुक्त ईकाई के शीर्ष नेतृत्व की घोषणा की। विलय के बाद बनने वाली दूरसंचार कंपनी में कुमार मंगलम बिड़ला इसके गैर- कार्यकारी चेयरमैन और बालेश शर्मा मुख्य कार्यकारी अधिकारी होंगे।
दूरसंचार विभाग की मंजूरी का इंतजार कर रही विलय प्रक्रिया की स्थिति के बारे में पूछे जाने पर सुंदरराजन ने कहा, 'यह मंजूरी के अंतिम चरण में है।' उन्होंने कहा कि विलय योजना को पहले ही राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण (एन.सी.एल.टी.) और बाजार नियामक सेबी की हरी झंडी मिल चुकी है।
सुंदरराजन ने कहा, 'इसमें एफडीआई मूंजरी और लाइसेंसों का उदारीकरण भी शामिल है इसमें कई मंजूरियां शामिल हैं। हम इसमें तेजी लाने की प्रक्रिया में है।' देश में 5जी प्रौद्योगिकी शुरू करने के बारे में दूरसंचार उद्योग संगठन सेल्युलर ऑपरेटर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (सीओएआई) के एक कार्यक्रम से इतर उन्होंने संवाददाताओं से यह बात कही। इन दोनों मोबाइल दूरसंचार सेवा कंपनियों के विलय के बाद ग्राहकों की संख्या, बाजार राजस्व और हिस्सेदारी के लिहाज से यह देश की सबसे बड़ी दूरसंचार कंपनी होगी। इनकी विलय प्रक्रिया जून तक पूरी होने की उम्मीद है।
सुंदरराजन ने यह भी कहा कि दूरसंचार विभाग नई राष्ट्रीय दूरसंचार नीति 2018 का प्रारूप तैयार करने के अंतिम चरण में है और इसके तैयार होने के बाद इसे मंजूरी के लिए दूरसंचार आयोग के समक्ष पेश किया जाएगा। उन्होंने कहा, 'मैं कोई विशिष्ट दिन निर्धारित नहीं कर सकती लेकिन दूरसंचार आयोग के पास ले जाने से पहले हम नीति का प्रारूप तैयार करने के अंतिम चरण में है। इसके बाद से सरकार के पास भेजा जाएगा।'