कहां गया McDonald's का सुनहरा ‘एम’

Edited By Punjab Kesari,Updated: 13 Nov, 2017 09:34 AM

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मैकडोनाल्ड्स ब्रांड का सबसे अधिक दिखने वाला निशान ‘एम’ अब कुछ बाजारों में उसके उत्पादों से गायब हो चुका है। पिछले करीब एक सप्ताह से राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में अधिकतर मैकडोनाल्ड्स रेस्तरां बिना ‘एम’ चिन्ह वाले रैपर के साथ अपने बर्गर, गर्म एवं शीतल...

नई दिल्लीः मैकडोनाल्ड्स ब्रांड का सबसे अधिक दिखने वाला निशान ‘एम’ अब कुछ बाजारों में उसके उत्पादों से गायब हो चुका है। पिछले करीब एक सप्ताह से राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में अधिकतर मैकडोनाल्ड्स रेस्तरां बिना ‘एम’ चिन्ह वाले रैपर के साथ अपने बर्गर, गर्म एवं शीतल पेय की बिक्री कर रहे हैं। हालांकि अंतिम बिल पर वह अभी भी मौजूद है। इसके अलावा नियामकीय अनुपालन के साथ-साथ उत्पादों में कटौती का भी मामला है।

प्रमुख जगहों पर मौजूद कम्पनी के आऊटलैट जैसे मध्य दिल्ली में आई.टी.ओ. मैट्रो स्टेशन के समीप मैकडोनाल्ड्स आऊटलैट में सॉफ्ट सव्र्स पर हमेशा ‘सोल्ड आऊट’ लिखा होता है। दूध के आपूर्तिकर्ता के साथ समस्याओं के कारण वहां कभी-कभी हॉट बेवरेजेस भी उपलब्ध नहीं होते लेकिन कोल्ड कॉफी आप जरूर ले सकते हैं क्योंकि वह पहले से ही तैयार होती है। विक्रम बख्शी को इसी साल मैकडोनाल्ड्स इंडिया प्राइवेट लिमिटेड (एम.आई.पी.एल.) के साथ उनकी बराबर हिस्सेदारी वाले संयुक्त उद्यम कनाट प्लाजा रैस्टोरैंट्स प्राइवेट लिमिटेड का दोबारा प्रबंध निदेशक बनाया गया है।

ब्रांडिंग के साथ वस्तुओं की आपूर्ति रोकने के लिए जारी किया नोटिस 
उन्होंने कहा, ‘‘हमारे पैकेजिंग आपूर्तिकर्ताओं को मैकडोनाल्ड्स कार्पोरेशन द्वारा उसके ब्रांडिंग के साथ वस्तुओं की आपूर्ति रोकने के लिए नोटिस जारी किया गया है। वे छोटे-मोटे खिलाड़ी हैं और उन्होंने हमें आपूर्ति करना बंद कर दिया है इसलिए कुछ मामलों में हम बर्गर, फ्राइस आदि को बिना लोगो वाले सादे पैकिंग में परोस रहे हैं। हालांकि उन स्टोरों में मैकडोनाल्ड्स नाम का अभी भी इस्तेमाल हो रहा है और उनके उत्पाद भी बिल्कुल समान हैं।’’

सांझेदारों के बीच नहीं बन पाई कोई सहमति 
वर्ष 2014 के आरंभ में बख्शी ने 150 करोड़ रुपए की शुद्ध परिसंपत्ति मूल्य पर संयुक्त उद्यम में मैकडोनाल्ड्स की हिस्सेदारी खरीदने की पेशकश की थी। इस पर अमरीकी कम्पनी ने 48 से 50 करोड़ रुपए में बख्शी की हिस्सेदारी खरीदने की पेशकश कर दी। बाद में उचित बाजार मूल्य पर हिस्सेदारी बिक्री की पेशकश की गई और बख्शी की हिस्सेदारी के लिए पहले 2500 करोड़ रुपए और बाद में 1800 करोड़ रुपए की पेशकश की गई लेकिन दोनों सांझेदारों के बीच कोई सहमति नहीं बन पाई।

NCLT ने बख्शी को कनाट प्लाजा रैस्टोरैंट्स में दोबारा प्रबंध निदेशक नियुक्त करने का दिया आदेश 
इस वर्ष जुलाई में नैशनल कम्पनी लॉ ट्रिब्यूनल (एन.सी.एल.टी.) ने बख्शी को कनाट प्लाजा रैस्टोरैंट्स प्राइवेट लिमिटेड में दोबारा प्रबंध निदेशक नियुक्त करने का आदेश दिया। इसके एक महीने के भीतर मैकडोनाल्ड्स इंडिया ने कनाट प्लाजा रैस्टोरैंट्स के साथ अपना फ्रैंचाइजी समझौता रद्द कर दिया। इसके लिए जारी नोटिस के अनुसार बख्शी 6 सितम्बर से मैकडोनाल्ड्स ब्रांड का नाम, ट्रेडमार्क, डिजाइन, ब्रांडिंग, परिचालन, विपणन, नीतियों और खास रैसिपी का इस्तेमाल नहीं कर सकते हैं लेकिन बख्शी ने कहा है कि जब तक कम्पनी के बोर्ड में इस मुद्दे पर चर्चा नहीं होती तब तक कारोबार सामान्य तौर पर चलता रहेगा।

मैकडोनाल्ड्स ने बख्शी पर लगाया वित्तीय हेरा-फेरी का आरोप
कनाट प्लाजा रैस्टोरैंट्स प्राइवेट लिमिटेड उत्तर और पूर्वी भारत में मैकडोनाल्ड्स इंडिया प्राइवेट लिमिटेड का मास्टर फ्रैंचाइजी है। वह भारत में मैकडोनाल्ड्स इंडिया 169 आऊटलैट का परिचालन करती है। मैकडोनाल्ड्स और बख्शी के बीच गतिरोध काफी समय पहले पैदा हो गया था और अगस्त 2013 में उन्हें प्रबंध निदेशक पद से हटा दिया गया था। मैकडोनाल्ड्स ने बख्शी पर कनाट प्लाजा रैस्टोरैंट्स प्राइवेट लिमिटेड में वित्तीय हेरा-फेरी का आरोप लगाया था जबकि बख्शी इससे इंकार करते रहे हैं। गतिरोध बढऩे पर बख्शी ने कम्पनी लॉ बोर्ड (सी.एल.बी.) में शिकायत की जबकि मैकडोनाल्ड्स ने लंदन की मध्यस्थता अदालत का रुख किया।

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