RBI अब तक ‘पुराने नोटों’ की गिनती क्यों कर रहा है?

Edited By Punjab Kesari,Updated: 14 Sep, 2017 11:41 AM

why is the counting of old notes so far

आर.बी.आई. ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि नोटबंदी के बाद बैंकों में 15.28 लाख करोड़ रुपए के पुराने नोट ....

नई दिल्लीः आर.बी.आई. ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि नोटबंदी के बाद बैंकों में 15.28 लाख करोड़ रुपए के पुराने नोट जमा करवाए गए हैं जबकि बाजार में 15.44 लाख करोड़ रुपए प्रचलित थे लेकिन रिपोर्ट में एक शब्द यह भी लिखा है कि यह प्रक्रिया अभी तक जारी है और अंतिम आंकड़े बाद में जारी किए जाएंगे। आर.बी.आई. ने स्वीकार किया है कि केवल 16 हजार करोड़ रुपए अभी तक जमा नहीं किए गए तो फिर वह नोटबंदी के 11 महीने बीत जाने के बाद भी अपनी यह दुकानदारी (नोट गिनने) बंद करने में क्यों संकोच कर रहा है।
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इतने नोट पड़े हैं बैंकों के बाहर
आर.बी.आई. ने यह नहीं कहा कि उसने नेपाल राष्ट्रीय बैंक और अन्य पड़ोसी देशों में पड़े पुराने नोटों को स्वीकार नहीं किया। आर.बी.आई. को अभी भी को-आप्रेटिव बैंकों के पास पड़े 7000 करोड़ रुपए स्वीकार करने हैं। इसके अलावा हजारों एन.आर.आई. अपने पुराने नोट जमा करवाने के लिए आर.बी.आई. की ब्रांचों के बाहर लम्बी लाइनें लगा कर खड़े हैं मगर उनके रुपए जमा नहीं हो रहे। वे दुनिया भर से आ रहे हैं मगर एक खामी के बाद दूसरी और एक नियम बदलाव के बाद दूसरे के कारण वे अपना पैसा जमा नहीं करवा पा रहे हैं। इसके अतिरिक्त आयकर, ई.डी., राज्यों की पुलिस और अन्य एजैंसियों के पास पड़े पुराने नोट अभी तक आर.बी.आई. के पास जमा नहीं करवाए जा सके। इन एजैंसियों ने छापों के दौरान इन पुराने नोटों को जब्त किया था और इन्हें मालखाने में रखा है क्योंकि आर.बी.आई. के पास एजैंसियों से धन स्वीकार करने का कोई नियम नहीं है। कहा जाता है कि जमा न करवाया गया यह धन बहुत बड़ी संख्या में है क्योंकि अकेले नेपाल में ही 8000 करोड़ रुपए हैं। इससे प्रश्र यह उठता है कि क्या भारत ने अधिसूचना से अधिक नोट छापे थे, इस संबंध में किसी के पास कोई जवाब नहीं। 

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