कारोबार सुगमता पर विश्वबैंक की अपनी रिपोर्ट में दिखेंगे GST

Edited By ,Updated: 01 Nov, 2016 02:21 PM

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विश्वबैंक ने कहा है कि अगले साल की कारोबार सुगमता रिपोर्ट तैयार करते समय वह भारत में वस्तु एवं सेवाकर (जी.एस.टी.) और दिवाला कानून के क्रियान्वयन को भी संज्ञान में लेगा।

नई दिल्ली: विश्वबैंक ने कहा है कि अगले साल की कारोबार सुगमता रिपोर्ट तैयार करते समय वह भारत में वस्तु एवं सेवाकर (जी.एस.टी.) और दिवाला कानून के क्रियान्वयन को भी संज्ञान में लेगा। भारत में विश्वबैंक के निदेशक जुनैद अहमद ने कहा कि भारत ने कारोबार सुगमता से जुड़े विभिन्न क्षेत्रों में सुधार के लिए कदम उठाए हैं लेकिन विश्वबैंक की हाल में जारी रिपोर्ट में भारत की रैंकिंग में कोई सुधार नहीं आ पाया। इसकी एक वजह यह भी हो सकती है कि दूसरे देशों ने भी अपनी स्थिति में सुधार के लिए काफी प्रयास किए हैं। कारोबार सुगमता पर विश्वबैंक की ताजा रिपोर्ट में भारत 130वें स्थान पर यथावत रहा। 

दुनिया के 190 देशों में कारोबार सुगमता के विभिन्न मानकों पर आंके जाने के बाद यह रैंकिंग दी गई। पिछले साल भारत ने इस मामले में काफी बढ़त हासिल की थी। पिछले साल की रैंकिंग संशोधन के बाद 131वां हो गई। इस लिहाज से इस साल भारत एक पायदान उपर चढ़ा है। भारत ने इस साल की उसकी रैंकिंग को लेकर निराशा जताई है। उसने रैकिंग तय करने की कार्यप्रणाली की समीक्षा किए जाने का भी सुझाव दिया है।   

विश्वबैंक के निदेशक ने कहा, ‘‘मैं नहीं समझता कि हमने भारत को निम्न रैंकिंग दी है। यदि आप विभिन्न उप-रैंकिंग को देखें तो भारत ने काफी सुधार दर्ज किया है। हम सकल रैंकिंग में ज्यादा सुधार इसलिए नहीं दर्ज कर पाए क्योंकि दूसरे देशों की रैंकिंग में भी सुधार आया है।’’ उन्होंने कहा, भारत में सुधारों को लगातार आगे बढ़ाया जा रहा है और ‘‘मेरा मानना है कि अगले साल आप देखेंगे कि यह रैंकिंग में स्पष्ट नजर आएगा।’’ जुनैद अहमद ने कहा कि जी.एस.टी. उन समूचे तौर तरीकों को बदल देंगा जिनके तहत भारतीय बाजार इस समय काम कर रहा है।  
 

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