Edited By Punjab Kesari,Updated: 20 Aug, 2017 05:01 PM
देश के सबसे बड़े लेंडर स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) के आउटस्टैंडिंग नॉन परफर्मिंग एसेट्स (बकाया एनपीए) में विलफुल
नई दिल्लीः देश के सबसे बड़े लेंडर स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) के आउटस्टैंडिंग नॉन परफर्मिंग एसेट्स (बकाया एनपीए) में विलफुल डिफॉल्टर्स (जानबूझकर कर्ज न चुकाने वाले) 27 फीसदी से ज्यादा के देनदार है। 31 मार्च 2017 के आंकड़े के मुताबिक 1,762 विलफुल डिफॉल्टर्स पर SBI का 25,104 करोड़ रुपए बकाया है. यह रकम बैंक की बैलेंस शीट पर दबाव बढ़ा रही है।
PNB का 12,278 करोड़ रुपए बकाया
इस लिस्ट में पंजाब नेशनल बैंक (PNB) दूसरे नंबर पर है. 1,120 विलफुल डिफॉल्टर्स पर PNB का 12,278 करोड़ रुपए बकाया है। टोटल आउटस्टैंडिंग लोन के करीब 40 फीसदी (37,382 करोड़ रुपए) में इन दोनों बैंकों की हिस्सेदारी है. फाइनेंस मिनिस्ट्री के डेटा के मुताबिक, विलफुल डिफॉल्टर्स पर सरकारी बैंकों का 92,376 करोड़ रुपए बकाया है। फाइनेंशियल ईयर 2015-16 में विलफुल डिफॉल्टर्स पर 76,685 करोड़ रुपए का बकाया था, जो कि वित्त वर्ष 2016-17 में 20.4 फीसदी बढ़कर 92,376 करोड़ रुपए पहुंच गया है।
6.41 लाख करोड़ रुपये हुआ ग्रॉस NPA
इसी समय में विलफुल डिफॉल्टर्स की संख्या में सालाना आधार पर 10 फीसदी के करीब बढ़ोतरी हुई है। वित्त वर्ष 2015-16 में विलफुल डिफॉल्टर्स की संख्या 8,167 थी, जो कि FY 2017-18 में बढ़कर 8,915 पहुंच गई। 8,915 विलफुल डिफॉल्टर्स में से बैंकों ने 1,914 केसों में FIR फाइल की है। इन मामलों में कुल बकाया 32,484 करोड़ रुपए है. मार्च 2017 के आखिर में पब्लिक सेक्टर बैंकों का ग्रॉस NPA बढ़कर 6.41 लाख करोड़ हो गया है, जो कि एक साल पहले की समान अवधि में 5.02 लाख करोड़ रुपए था।