लोक वित्त को मजबूत करने का काम नई सरकार के लिए छोड़ दिया गयाः फिच

Edited By Punjab Kesari,Updated: 06 Feb, 2018 04:14 PM

work to strengthen public finance has been left for the new government

राजकोषीय मजबूती का काम 2019 में होने वाले आम चुनावों के बाद अगली सरकार के लिए छोड़ दिया गया है। रेटिंग एजेंसी फिच ने यह बात कही है। सरकार ने 2018-19 के लिए राजकोषीय घाटे का अनुमान सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का 3.3 प्रतिशत तथा चालू वित्त वर्ष के लिए...

नई दिल्लीः राजकोषीय मजबूती का काम 2019 में होने वाले आम चुनावों के बाद अगली सरकार के लिए छोड़ दिया गया है। रेटिंग एजेंसी फिच ने यह बात कही है। सरकार ने 2018-19 के लिए राजकोषीय घाटे का अनुमान सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का 3.3 प्रतिशत तथा चालू वित्त वर्ष के लिए 3.5 प्रतिशत रखा है। वहीं पहले की योजना में इसे 2018-19 के लिए जीडीपी के 3 प्रतिशत तथा 2017-18 के लिए 3.2 प्रतिशत करने का लक्ष्य था।

फिच ने कहा कि राजकोषीय सुदृढ़ीकरण को आगे टाला जाना अर्थव्यवस्था को समर्थन देने के लिये नीतियों को प्रतिबिंबित करता है। पिछले वर्ष कमजोर निवेश तथा नोटबंदी एवं माल एवं सेवा कर (जीएसटी) के कारण उत्पन्न बाधाओं के कारण टाल दिया गया। फिच रेटिंग्स ने एक बयान में कहा, ‘‘भारत सरकार ने राजकोषीय मजबूती के कार्यक्रम का समय बढ़ा दिया है। इससे देश के अपेक्षाकृत कमजोर लोक वित को मजबूत करने का काम नई सरकार पर छोड़ दिया गया है।’’

बजट में ग्रामीण क्षेत्रों में आय बढ़ाने, महत्वकांक्षी स्वास्थ्य बीमा योजना तथा चिकित्सा कालेज तथा अस्पतालों का निर्माण एवं उसे उन्नत बनाने समेत व्यय को लेकर कई नई पहल की गई हैं। फिच ने कहा, ‘‘वर्ष 2019 में होने वाले आम चुनाव से पहले विभिन्न योजनाओं में खर्च से बड़ी संख्या में लोगों को लाभ होगा।’’ 

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