टाटा स्टील कर्मियों पर कवरेज घटाने से बढ़ा काम का बोझ

Edited By ,Updated: 12 Nov, 2016 10:04 AM

workload increased on tata steel employees by reducing coverage

टाटा स्टील के कर्मचारियों का कवरेज घटा दिए जाने से उनपर काम का बोझ बढ़ गया है।

नई दिल्ली: टाटा स्टील के कर्मचारियों का कवरेज घटा दिए जाने से उनपर काम का बोझ बढ़ गया है। इसको लेकर शुक्रवार को समझौता पर मैनेजमेंट व यूनियन ने संयुक्त रूप से समझौता कर लिया। इसके तहत मैकेनिकल कर्मचारियों का कवरेज जो पहले 25 फीसदी था, उसको घटाकर 22 फीसदी कर दिया गया है। इसके अलावा ऑपरेशन के कवरेज को 28 फीसदी से घटाकर 25 फीसदी कर दिया गया है।

ज्यादा कवरेज घटाने का था प्रस्ताव
यूनियन और मैनेजमेंट के बीच कई दौर की बातचीत हुई थी। मैनेजमेंट ने यूनियन को कई प्रस्ताव दिए थे। इसके तहत मैकेनिकल के कर्मचारियों का कवरेज 25 फीसदी से घटाकर 20 फीसदी करना था, जो 22 फीसदी पर तय हुआ जबकि ऑपरेशन के कर्मचारियों के कवरेज को 28 फीसदी से घटाकर 22 फीसदी तक करने का दबाव मैनेजमेंट ने बनाया था, लेकिन यूनियन ने इसको नकार दिया था। बाद में बीच का रास्ता निकाला गया इसके बाद सहमति बनी।

क्या है कवरेज सिस्टम 
कवरेज से मतलब है कि स्टैंडर्ड और वर्किंग फोर्स के बीच के अंतर को कम करना। वर्तमान में जितना कर्मचारी काम करते हैं, वे आसानी से छुट्टी ले सकते हैं क्योंकि कवरेज ज्यादा है। जैसे किसी विभाग में सौ लोग काम करते हैं तो 140 लोगों को काम पर रखा जाता है क्योंकि अगर कोई छुट्टी पर गया या रिलीवर की जरूरत हुई तो उसका इस्तेमाल किया जा सके। लेकिन इस संख्या को 140 से घटाकर 125 करने पर कर्मचारियों पर अतिरिक्त बोझ बढ़ेगा।

कवरेज घटने से क्या पड़ेगा असर
कवरेज घटने से कर्मचारियों पर अतिरिक्त काम का बोझ बढ़ेगा। कर्मचारी काम करने के दौरान मिलने वाली छूट से वंचित हो जाएंगे और उनसे हर हाल में आठ घंटे लगातार काम लिया जाएगा। इससे कर्मचारियों को छुट्टी मिलने की दिक्कत होगी।
 

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