Edited By Punjab Kesari,Updated: 03 Nov, 2017 05:21 PM
समय निकालिए और अपने आसपास की प्रकृति देखिए, इससे आपकी खुशी एवं तंदुरुस्ती बढ़ सकती है। कनाडा के ब्रिटिश कोलंबिया विश्वविद्यालय के अनुसंधानकर्ताओं ने प्राकृतिक छटा देखने और निजी तंदुरुस्ती के बीच के संबंध का अध्ययन किया। इस अध्ययन के दौरान दो हफ्ते...
टोरंटो: समय निकालिए और अपने आसपास की प्रकृति देखिए, इससे आपकी खुशी एवं तंदुरुस्ती बढ़ सकती है। कनाडा के ब्रिटिश कोलंबिया विश्वविद्यालय के अनुसंधानकर्ताओं ने प्राकृतिक छटा देखने और निजी तंदुरुस्ती के बीच के संबंध का अध्ययन किया। इस अध्ययन के दौरान दो हफ्ते तक 395 लोगों से यह बताने को कहा गया कि रोजमर्रा के दौरान जब वह प्रकृति से मिलते हैं तो उन्हें कैसा महसूस होता है। इन लोगों ने उस चीज का फोटो खींचा जो उनका ध्यान खींचती है और उसके बार में संक्षेप में अपनी मनोभावना लिखी।
‘पॉजिटिव साइकोलोजी’ में प्रकाशित अध्ययन में अन्य सहभागियों ने मानवनिर्मित वस्तुओं के बारे में संक्षेप में अपनी प्रतिक्रियाएं लिखी। विश्वविद्यालय में पीएचडी साइकोलॉजी की छात्रा होल्ली एन्नी का कहना है कि प्रकृति के उदाहरण मानवनिर्मित वस्तुओं के अलावा कुछ भी हो सकते हैं जैसे घर में लगाया गया पौधा, दीवारों की दरारों से निकलते पौधे, पक्षी, खिड़की से सूर्य को झांकना आदि। उन्होंने कहा कि यह बाहर जाकर घंटों बिताना या दूर-दूर तक जाना नहीं है। यह शहर के मध्य में बस स्टॉप पर लगा पौधा है जिसका लोगों पर सकारात्मक प्रभाव हो सकता है। यह वैज्ञानिक तथ्य है कि जो लोग हरियाली में रहते हैं वे उन लोगों की तुलना में खुश और दीर्घायु होते हैं जो ऐसा नहीं करते।