इंडस्ट्रीयल एरिया पर भारी पड़ी एक्साइज पॉलिसी

Edited By ,Updated: 14 Mar, 2016 01:47 AM

10 crore 50 lakh this year through vends administration is set to earn

पिछले साल 1 जुलाई को जब चंडीगढ़ के प्रशासक कप्तान सिंह सौलंकी ने सिटी ब्यूटीफुल की पहली इंडस्ट्रीयल पॉलिसी को लांच किया तो उस समय दावा किया गया था कि उन्हीं बिजनैस को इंडस्ट्रीयल एरिया में जगह मिलेगी जिनके नाम पॉलिसी में शामिल किए गए हैं।

 चंडीगढ़, (विजय) : पिछले साल 1 जुलाई को जब चंडीगढ़ के प्रशासक कप्तान सिंह सौलंकी ने सिटी ब्यूटीफुल की पहली इंडस्ट्रीयल पॉलिसी को लांच किया तो उस समय दावा किया गया था कि उन्हीं बिजनैस को इंडस्ट्रीयल एरिया में जगह मिलेगी जिनके नाम पॉलिसी में शामिल किए गए हैं। लेकिन एक्साइज एंड टैक्सेशन डिपार्टमैंट के लिए यह पॉलिसी कोई मायने नहीं रखती। इस साल फिर डिपार्टमैंट ने इंडस्ट्रीयल एरिया में लिकर वेंड्स को खोलने के लिए परमीशन दे दी है। कुछ दिन पहले ही चंडीगढ़ प्रशासन ने वित्त वर्ष 2016-17 की एक्साइज पॉलिसी को जारी किया। जिसमें इंडस्ट्रीयल एरिया में भी लिकर वेंड्स को खोलने के लिए ग्रीन सिग्नल दे दिया गया। यानि प्रशासन की एक्साइज पॉलिसी के सामने इंडस्ट्रीयल पॉलिसी का कोई महत्व नहीं रह गया। 15 मार्च को प्रशासन इन लिकर वेंड्स की अलॉटमैंट भी करने जा रहा है। 

10.50 करोड़ कमाने की प्लानिंग

इंडस्ट्रीयल एरिया में लिकर वेंड्स के जरिए प्रशासन इस साल 10 करोड़ 50 लाख रुपए कमाने की तैयारी में है। इंडस्ट्रीयल एरिया फेज-1 और 2 में कुल 7 लिकर शॉप्स खोली जानी है। जिनका रिजर्व प्राइस यही तय किया गया है। इंडस्ट्रीयल एरिया फेज-1 में तीन और इंडस्ट्रीयल एरिया फेज-2 जिसमें कि रामदरबार का एरिया भी शामिल है वहां 4 लिकर वेंड्स खोले जाने हैं। इन लिकर शॉप्स को गु्रप-37 और 38 में डाला गया है।

यहीं से होती है तस्करी

इंडस्ट्रीयल एरिया फेज-1 ओर 2 के पंजाब और हरियाणा के काफी नजदीक होने की वजह से इसी एरिया से शराब की काफी अधिक तस्करी होती है। पिछले कुछ सालों के दौरान डिपार्टमैंट के सामने तस्करी के कईं मामले भी सामने आए हैं। लेकिन बावजूद इसके यहां फिर से लिकर वेंड्स खोलने की परमीशन दे दी गई है।

एस्टेट ऑफिस भी कन्फ्यूज

अगर इंडस्ट्रीयल एरिया में गैर मान्यता प्राप्त कोई बिजनैस शुरू होता है तो यू.टी. का एस्टेट ऑफिस उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई करता है। लेकिन लिकर के कारोबार के मामले में एस्टेट ऑफिस के अधिकारियों ने भी अपने हाथ खड़े कर लिए हैं। इन लिकर वेंड्स के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। क्योंकि लिकर के कारोबार से प्रशासन को अच्छा रेवैन्यू मिल रहा है।

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