जन्म के बाद पलभर में माँ से अलग हुई बच्ची, लड़की के मां-बाप ने नहीं देखी नवजात की शक्ल

Edited By Punjab Kesari,Updated: 18 Aug, 2017 09:25 AM

10 year old rape survivor in chandigarh delivers baby

बच्चे के पैदा होने पर परिवार में खुशियां मनाई जाती हैं, लेकिन वीरवार को पैदा हुई बच्ची ऐसी किस्मत लेकर आई जिसे न तो मां की झलक देखने को मिली और न ही मां का दूध नसीब होगा।

चंडीगढ़ (रोहिला): बच्चे के पैदा होने पर परिवार में खुशियां मनाई जाती हैं, लेकिन वीरवार को पैदा हुई बच्ची ऐसी किस्मत लेकर आई जिसे न तो मां की झलक देखने को मिली और न ही मां का दूध नसीब होगा। दरअसल, कलयुगी मामा द्वारा यौन शोषण की शिकार हुई 10 वर्षीय बच्ची ने सैक्टर-32 अस्पताल में बच्ची को जन्म दिया है, लेकिन उस मासूस को अभी तक मालूम नहीं है कि उसके साथ क्या हुआ और क्यों वह अस्पताल में एडमिट है। मां बनी इस 10 वर्षीय बच्ची ने दो किलो, दो सौ ग्राम की बच्ची को जन्म दिया  है, लेकिन इस बात से बच्ची बिल्कुल बेखबर है। 

 

जैसे ही 10 वर्षीय बच्ची ने बच्ची को जन्म दिया साथ के साथ ही डाक्टर्स ने मां और नवजात बच्ची को अलग कर दिया। फिलहाल नवजात बच्ची को नीकू में रखा हुआ है, ताकि बच्ची की स्पैशल केयर हो सके। वहीं मां बनी 10 वर्षीय बच्ची के मां-बाप को नवजात की शक्ल तक देखनी गवारा नहीं है। जिसके चलते उन्होंने नवजात बच्ची की एक झलक भी नहीं देखी है। मां-बाप अपनी बच्ची के सुरक्षित होने के चलते खुश हैं कि उनकी बच्ची की जान को अब कोई खतरा नहीं है। सूत्रों के अनुसार नवजात व उसकी मां दोनों को ही हफ्ते तक डिस्चार्ज कर दिया जाएगा। 

 

सी.डब्ल्यू.सी. की पैनी नजर 
जिस समय 10 वर्षीय बच्ची की डिलवरी हुई तब चाइल्ड वैल्फेयर कमेटी पहले से ही अस्पताल में मौजूद थी। मां व बच्ची दोनों की सुरक्षा के चलते चाइल्ड वैल्फेयर कमेटी मामले पर पूरी नजर रखे हुए है। इस दौरान मां बनी बच्ची के पिता ने बच्ची भी ठीक से डिलीवरी होने के बाद डॉक्टर्स व समाज कल्याण विभाग की टीम का धन्यवाद किया कि उन्होंने उनकी बच्ची को सुरक्षा देते हुए उसकी जान बचाई।

 

मां-बाप करेंगे नवजात को सरैंडर
बच्ची को अभी तक सरैंडर नहीं किया गया है। बच्ची को अडॉप्ट करने की लीगल राय ली जा रही है और नवजात का सरैंडर चाइल्ड वैल्फेयर कमीशन की मार्फत किया जाएगा। जानकारी के अनुसार बच्ची के डिस्चार्ज होते ही उसे आशियाना में रखा जाएगा। 

 

दो माह बाद होगा अडॉप्शन प्रोसैस शुरू
नवजात को अडॉप्ट करने के लिए कई लोग आगे आ गए थे, लेकिन प्राप्त जानकारी के अनुसार बच्ची के दो माह पूरे होने के बाद ही ऐसा हो सकेगा। बच्ची के अडॉप्शन के बारे में (सैंट्रल अडॉप्शन रिर्सोस अथॉरिटी) की वैबसाइट पर अपलोड कर दिया जाएगा, उसके बाद ही बच्ची को लीगली अडॉप्ट करने के लिए अप्लाई किया जा सकता है।


 

आरोपी का लिया डी.एन.ए. सैम्पल 
नाबालिगा से दुराचार मामले में पीडित बच्ची द्वारा बच्ची को जन्म देने के साथ ही वीरवार सुबह मामले की जांच में जुटी सैक्टर-39 थाना पुलिस टीम ने अदालत में आरोपी कुल बहादुर का डी.एन.ए. टैस्ट करवाने के लिए अर्जी दाखिल की। अर्जी को अदालती मंजूरी मिलने के बाद साथ ही आरोपी कुल बहादुर को प्रोटैक्शन वारंट पर बुडै़ल जेल से जिला अदालत में लाया गया। जिला अदालत में आरोपी के डी.एन.ए. की जांच के लिए उसके बल्ड सैम्पल लेने के लिए सैक्टर-32 अस्पताल से डाक्टरों की टीम पहुंची और आरोपी का सैम्पल लिए। सैम्पल को पुलिस ने जांच के लिए सी.एफ.एस.एल. लैब में भेज दिया है।

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