CBSE ने बदले नियम, 5 से बढ़ाकर कर दिए इतने सब्जैक्ट

Edited By ,Updated: 20 Mar, 2017 10:52 PM

6 subject from the next session

सरकारी व गैर सरकारी स्कूलों में अगले सैशन से 10वीं कक्षा में 5 की बजाए 6 विषय पढ़ाए जाएंगे। इसे सी.बी.एस.ई. ने सभी स्कूलों के लिए अनिवार्य कर दिया है। उल्लेखनीय है कि बोर्ड द्वारा यह योजना नैशनल स्किल क्वालिफिकेशन फ्रेमवर्क के तहत शुरू की जानी है।

चंडीगढ़, (रश्मि): सरकारी व गैर सरकारी स्कूलों में अगले सैशन से 10वीं कक्षा में 5 की बजाए 6 विषय पढ़ाए जाएंगे। इसे सी.बी.एस.ई. ने सभी स्कूलों के लिए अनिवार्य कर दिया है। उल्लेखनीय है कि बोर्ड द्वारा यह योजना नैशनल स्किल क्वालिफिकेशन फ्रेमवर्क के तहत शुरू की जानी है। हालांकि बोर्ड द्वारा वर्ष 2013 में भी इसे लेकर निर्देश जारी किए थे जो सही तरह से लागू नहीं हो सके थे।

अब फिर बोर्ड ने सर्कुलर रिवाइज किया है। छात्रों को दो भाषाओं के साथ सोशल साइंस, गणित और विज्ञान विषय लेना अनिवार्य होता था लेकिन अब इनके अलावा एक अन्य वोकेशनल विषय भी चुनना जरूरी होगा।

फेल होगा पास-

नैशनल स्किल क्वालिफिकेशन फ्रेमवर्क के तहत किए इस बदलाव के बाद अगर कोई छात्र फेल हो जाता है तो फेल होने वाले सब्जैक्ट की जगह वोकेशनल सब्जैक्ट के नंबर लग जाएंगे। इससे छात्र को पास होने में आसानी होगी। अगर दो विषय में फेल है तो दूसरे विषय के लिए कम्पार्टमेंट एग्जाम देना होगा।  यह नियम 2017 से 2018 में एग्जाम देने वाले छात्रों के लिए लागू होगा।

इनमें से चुनना होगा छठा विषय:

6वें विषय के लिए 13 ऑप्शन हैं। इनमें डायनमिक्स ऑफ रिटेलिंग, आई.टी., सिक्योरिटी, ऑटोमोबाइल टैक्नॉलाजी, इंट्रोडक्शन टू फाइनेंशियल मार्कीट, इंट्रोडक्शन टू टूरिज्म, ब्यूटी एंड वेलनैस, बेसिक एग्रीक्लचर, फूड प्रोडक्शन, फ्रंट ऑफिस आप्रेशंस, बैंकिंग एंड इंश्योरेंस, मार्कीटिंग एंड सेल्स, हैल्थ केयर सर्विसेज आदि शामिल हैं। इसमें एग्जाम 50 माक्र्स का एग्जाम लिखित होगा जबकि 50 माक्र्स का प्रैक्टिकल।

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