नाइपर के डायरैक्टर समेत 9 गिरफ्तार

Edited By ,Updated: 13 Feb, 2016 03:57 AM

9 arrested including the director of the dnieper

सैंट्रल ब्यूरो ऑफ इन्वैस्टीगेशन (सी.बी.आई.) ने आज यहां नैशनल इंस्टीच्यूट ऑफ फार्मास्युटिकल एजुकेशन एंड रिसर्च (नाइपर) में छापा मारकर नाइपर के डायरैक्टर समेत 9 लोगों के खिलाफ भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम समेत कई अन्य धाराओं के तहत केस दर्ज कर लिया है।

 मोहाली, (राणा): सैंट्रल ब्यूरो ऑफ इन्वैस्टीगेशन (सी.बी.आई.) ने आज यहां नैशनल इंस्टीच्यूट ऑफ फार्मास्युटिकल एजुकेशन एंड रिसर्च (नाइपर) में छापा मारकर नाइपर के डायरैक्टर समेत 9 लोगों के खिलाफ भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम समेत कई अन्य धाराओं के तहत केस दर्ज कर लिया है। साथ ही डायरैक्टर प्रोफैसर डॉ. पी. रामाराव व डॉ. के.के. भूटानी समेत सभी 9 लोगों को इंटलैक्चुअल प्रॉपर्टी राइट्स (आई.पी.आर.) डिपार्टमैंट के  इस्टैबलिशमैंट के नाम पर करोड़ों रुपए के गबन के आरोप में गिरफ्तार कर लिया है। सूत्रों के मुताबिक नाइपर कर्मियों के चंडीगढ़, मोहाली, भठिंडा व केरल स्थित घरों और ऑफिसों में 9 से ज्यादा जगहों पर सी.बी.आई. ने एक साथ छापेमारी की। कई सालों से नाइपर को मिल रहे फंड समेत बजट की करीब अस्सी फाइलें भी सी.बी.आई. ने जब्त की हैं। 

सूत्र बताते हैं कि एक आरोपी फार्मास्युटिकल डिपार्टमैंट के हैड डॉ. बंसल ने अपने विभाग के लाखों रुपए के उपकरण चोरी हो जाने का कोई केस दर्ज नहीं करवाया था। सी.बी.आई. के एक अधिकारी ने बताया कि नवम्बर 2014 में प्रारंभिक जांच शुरू की गई थी, जिसे बाद में रैगुलर केस में तब्दील किया गया था। कुछ आरोपियों से पूछताछ चल रही है। आई.पी.आर. डिपार्टमैंट को 11वीं पंचवर्षीय योजना (2007-2012) में शिक्षा के प्रसार के मकसद से मंजूरी मिली थी। इसके लिए नाइपर ने मिनिस्ट्री ऑफ कैमीकल्स एंड फर्टीलाइजर से 2.72 करोड़ रुपए की डिमांड की थी। इस पर मिनिस्ट्री ने 2.25 करोड़ रुपए जारी किए थे। हालांकि अभी तक डिपार्टमैंट का सेटअप नहीं हुआ है। 

सी.बी.आई. कार्रवाई का नाइपर ने किया स्वागत

दूसरी ओर, नाइपर की तरफ से जारी एक बयान में कहा गया है कि हाईकोर्ट के आदेश पर की गई यह करोड़ों रुपए के घपले की एक लंबी जांच प्रक्रिया थी। इसमें अब सी.बी.आई. ने आरोपियों को गिरफ्तार किया है। डॉ. के.के. भूटानी के डायरैक्टर के तौर पर चार्ज लेने के बाद से ही नाइपर विवादों में आ गया था। इसमें रजिस्ट्रार की गैरकानूनी भर्ती भी शामिल थी, जिसे बाद में पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने रद्द कर दिया था। कई बार इन आरोपियों द्वारा नियमों की उल्लंघना की गई, जिसके कारण नाइपर को कानूनी केसों में पडऩा पड़ा। नाइपर की तरफ से कहा गया है कि इन आरोपियों के कारण नाइपर को काफी नुक्सान हो रहा था। वहीं रिसर्च प्रक्रिया भी प्रभावित हो रही थी। नाइपर ने सी.बी.आई. की इस कार्रवाई का स्वागत किया है।

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