Edited By Punjab Kesari,Updated: 07 Aug, 2017 12:59 PM
शहर में सड़कों के बीच वाले डिवाइडरों को तोड़ कर लोगों द्वारा बनाए गए अवैध कटों के बारे में अक्सर कहा जाता है कि ये अवैध कट हादसों को न्यौता देते हैं और उन्हें गैर-कानूनी कहा जाता है। लेकिन ऐसे ही अवैध कट अगर पुलिस द्वारा लगा लिए जाएं तो उसकी ओर कोई...
मोहाली(कुलदीप) : शहर में सड़कों के बीच वाले डिवाइडरों को तोड़ कर लोगों द्वारा बनाए गए अवैध कटों के बारे में अक्सर कहा जाता है कि ये अवैध कट हादसों को न्यौता देते हैं और उन्हें गैर-कानूनी कहा जाता है। लेकिन ऐसे ही अवैध कट अगर पुलिस द्वारा लगा लिए जाएं तो उसकी ओर कोई ध्यान नहीं देता।
फेज-8 स्थित पुलिस स्टेशन तथा डी.एस.पी. ऑफिस के मेन गेटों के बिल्कुल सामने सड़क के बीच बनाए गए डिवाइडर को तोड़ कर दो अलग अलग अवैध कट बना दिए गए हैं। ये दोनों अवैध कट जहां हर समय किसी न किसी हादसे को न्यौता दे दहे हैं वहीं ये अवैध कट पुलिस स्टेशन तथा डी.एस.पी. आफिस की सुंदरता को भी कलंकित करते हैं। इस के साथ ही हर रोज अपने ऑफिस आने जाने वाले पुलिस अधिकारियों द्वारा भी हर रोज इन कटों की ओर अनदेखी को भी ब्यां करते हैं।
थाने तथा डी.एस.पी. आफिस से बाहर निकलने वाले वाहन एकदम से बाहर निकलते हैं जिस कारण कोई न कोई बड़ा हादसा होने की संभावना बनी रहती है। नगर निगम अधिकारियों का कहना है कि किसी भी डिवाइडर में कोई कट आदि लगाने के लिए ग्माडा से परमिशन लेनी होती है।
पुलिसकर्मियों के बच्चों ही हो सकते हैं हादसे का शिकार :
यह भी बताने योग्य है कि पुलिस थाने तथा डी.एस.पी. ऑफिस के दोनों ओर पुलिस अधिकारियों तथा कर्मियों की रिहायशें भी बनी हुई हैं जहां वे अपने परिवारों सहित रहते हैं। पुलिस कर्मियों तथा अधिकारियों के नन्हें मुन्ने बच्चे रोजाना आटोज़ में बैठ कर स्कूल आते जाते हैं। यह बच्चों वाले आटोज़ भी शार्टकट के चक्कर में इन अवैध कटों से गुजरते हैं जो कि भी समय किसी भयंकर हादसे का शिकार हो सकते हैं। एक पुलिस कर्मी ने बताया कि कुछ दिन पहले इसी डिवाइडर के बीचे बने अवैध से गुजरने वाला एक स्कूली वाहन एक कार से टकराते टकराते बचा था। उसके बावजूद भी पुलिस सबक नहीं ले रही है।
लोगों को नसीहत खुद मीयां फजीहत :
यहां पर यह बात कह देना भी कोई अतिकथनी नहीं होगी कि ‘लोगों को नसीहत, खुद मीयां फजीहत’। मतलब ये कि लोगों को अमन कानून की व्यवस्था कायम रखने, ट्रैफिक नियमों की पालना करने, भ्रष्टाचार न करने, सरकारी प्रॉपर्टी की संभाल रखने की बातों को लेकर लोगों को नसीहत देने वाली पुलिस खुद फजीहत करने में जुटी हुई है।