जगह-जगह से फटा एस्ट्रोटर्फ, खतरे में हॉकी की प्रैक्टिस, कई खिलाड़ी हो चुके चोटिल

Edited By Punjab Kesari,Updated: 21 Mar, 2018 12:46 PM

astroturf

खेल विभाग की ओर से शहर में स्पोर्ट्स को बढ़ावा देने लिए जहां जगह-जगह स्पोर्ट्स काम्पलैक्स बनाने का कार्य शुरू किया है

चंडीगढ़(लल्लन) : खेल विभाग की ओर से शहर में स्पोर्ट्स को बढ़ावा देने लिए जहां जगह-जगह स्पोर्ट्स काम्पलैक्स बनाने का कार्य शुरू किया है, लेकिन वही जो शहर में पुराने स्टेडियम बने हुए हैं, उनकी देख-रेख तथा रख-रखाब का बुरा हॉल है। जानकारी के अनुसार खेल विभाग की ओर से नन्हें हॉकी खिलाडिय़ों के अभ्यास के लिए स्पोर्ट्स काम्पलैक्स-42 में सिक्स-ए-साइड हॉकी मैदान बनाए हुए हैं लेकिन इस मैदान में लगी हुई एस्ट्रोटर्फ का बुरा हॉल है। 

 

यही नहीं, कई जगह से एस्ट्रोटर्फ फटी हुई है। खिलाडिय़ों के अभ्यास के समय गेंद में कभी उछाल तो कभी गेंद नीचे रह जाती है और अभ्यास के दौरान कई खिलाड़ी चोटिल भी हो चुके हैं। इसके विपरीत खेल विभाग के अधिकारियों की ओर से इस मैदान की कोई सुध नहीं ली जा रही है। हालांकि इस मैदान से अधिकारियों का रोज ही आना-जाना लगा रहता है। इसके बाद भी मैदान को रैनोवेट नहीं किया जा रहा है। 

 

कैसे तैयार होंगे इंटरनैशनल लैवल के खिलाड़ी?
खेल विभाग शहर से हॉकी में इंटरनैशनल लेवल के खिलाड़ी निकालने की सोच रहा है, वहीं विभाग खिलाडिय़ों को फटे हुए एस्ट्रोटर्फ पर प्रैक्टिस करवा रहा है। एस्ट्रोटर्फ के फटे होने की वजह से खिलाडिय़ों पर चोट लगने का खतरा बना रहता है। 

 

एस्ट्रोटर्फ के फटे और लेवल बराबर न होने से गेंद डिसबैलेंस होकर खिलाड़ी को घायल कर देती है। वहीं मैदान पर केवल एस्ट्रोटर्फ ही नहीं फटा है बल्कि चारों तरफ से मैदान को कवर करने वाली जालियां भी टूट चुकी हैं। गौरतलब है कि मैदान के आस-पास जंगल है। जालियां टूटी होने की वजह से बड़े जानवर तो नहीं, छोटे जानवरों के मैदान पर आने का खतरा बना रहता है। 

 

12 वर्षों से नहीं बदला एस्ट्रोटर्फ :
हॉकी के मैदान में लगी हुई एस्ट्रोटर्फ की लाइफ 7 साल की होती है, लेकिन विभाग की ओर से स्पोर्ट्स  काम्पलैक्स-42 के सिक्स-ए-साइड हॉकी मैदान में 12 वर्ष पहले एस्ट्रोटर्फ डाला गया था। इसके बाद से न तो इस ग्राऊंड की मैंटीनैंस की गई और न ही इस मैदान का ख्याल रखा गया है। इसका सबूत इस बात से ही मिलता है कि मैदान के अंदर एंट्री करते ही मैदान अपनी बदहाली की गवाही स्वंय ही देने लगता है। 

 

एस्ट्रोटर्फ जगह-जगह से फटा हुआ है और इसका लेवल भी बराबर नहीं है, जिस वजह से खिलाडिय़ों को प्रैक्टिस करने में परेशानी आती है। एस्ट्रोटर्फ बीच में से और साइड के कोने से फट चुका है। खिलाड़ी इस फटे एस्ट्रोटर्फ पर भी प्रैक्टिस करते हैं। जानकारी के अनुसार इस मैदान पर रोजाना तकरीबन 35 से अधिक खिलाड़ी अभ्यास करते हैं लेकिन इन खिलाडिय़ों की सुविधाओं पर कोई भी ध्यान नहीं देता है। 

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