Edited By ,Updated: 28 Sep, 2016 08:20 PM
खुद को बैंक का मैनेजर बता कर रायपुर खुर्द के रहने पुरुषोत्तम से उसके ए.टी.एम. कार्ड से जुड़ी जानकारी हासिल करने के बाद अपराधी ने उसके बैंक खाते से 50 हजार 700 रुपए निकलवा लिए।
चंडीगढ़ (संदीप) : खुद को बैंक का मैनेजर बता कर रायपुर खुर्द के रहने पुरुषोत्तम से उसके ए.टी.एम. कार्ड से जुड़ी जानकारी हासिल करने के बाद अपराधी ने उसके बैंक खाते से 50 हजार 700 रुपए निकलवा लिए। इसका पता लगते ही पुरुषोत्तम ने इसकी शिकायत पुलिस को करवानी चाही तो पुलिस ने शिकायत लेने से इंकार कर दिया। मामले में जब सैक्टर-26 के अतिरिक्त थाना प्रभारी ओम प्रकाश से बात की गई तो उन्होंने बताया कि पुरुषोत्तम को कहा था कि इस बारे में वह हमें लिखित शिकायत दे पर उसने ऐसा नहीं किया व कोई शिकायत दिए ही चला गया था। पुरुषोत्तम ने इसकी शिकायत सैक्टर-34 स्थित केनरा बैंक के अधिकारियों को भी दे दी है जहां उसका बैंक खाता है।
जानकारी के अनुसार पुरुषोत्तम सैक्टर-26 स्थित ग्रेन मार्कीट में काम करता है। मंगलवार शाम को उसके मोबाइल पर कॉल आई जिसने अपना नाम अशोक कुमार बताया व कहा कि वह कैनरा बैंक से मैनेजर बात कर रहा है। उसने पुरुषोत्तम से कहा कि उसका ए.टी.एम. कार्ड सुरक्षा कारणों से बंद किया जा रहा है। यह बात कहते हुए उसने पुरुषोत्तम से उसके ए.टी.एम. कार्ड के सभी नंबर पूछ लिए। अंत में उसने पुरुषोतम से कहा कि जल्द उसका ए.टी.एम. कार्ड फिर चालू कर दिया जाएगा। फोन पर बात करने के कुछ ही समय बाद अचानक से ही उसके बैंक खाते से 10-10 हजार करके पैसे निकालने शुरू हो गए। इससे पहले की वह कुछ समझ पाता शातिर आरोपी उसके बैंक खाते से 50 हजार रुपए निकलवा चुके थे। पैसे बचाने के लिए पुरुषोत्तम ने तुरंत ए.टी.एम. कार्ड के जरिए पैसे निकाले पर इसके बावजूद भी बुधवार सुबह अचानक ही उसके खाते से फिर 700 रुपए निकलवा लिए गए।
शिकायत देने पहुंचा तो पढ़ा दिया पाठ :
पुरुषोत्तम ने बताया की वह बुधवार सुबह अपने साथी के साथ इस बारे में शिकायत करने सैक्टर-26 थाने पहुंचा था। यहां उसकी मुलाकात सब-इंस्पैक्टर ओम प्रकाश से हुई थी। पुरुषोत्तम का कहना था की ओम प्रकाश ने उसे कहा की अक्सर लोग ऐसे मोबाइल पर झांसा देकर लोगों के खाते से पैसे निकाल लेते हैं। इसमें थाना पुलिस कुछ नहीं करती व साइबर सैल जांच करता है। पुरुषोत्तम का आरोप था कि ओम प्रकाश ने उसे इस अपराध के बारे में पाठ तो पढ़ा दिया लेकिन शिकायत नहीं लिखी। ऐसे में उसे बिना शिकायत दिए वापस आना पड़ा लेकिन जब इस बारे में सब-इंस्पैक्टर ओम प्रकाश से बात की गई तो उसका कहना था की मैंने पुरुषोत्तम को कहा था कि अपने साथ हुए पूरे प्रकरण की शिकायत लिख कर दे लेकिन उसने कोई लिखित शिकायत नहीं दी।