Edited By Punjab Kesari,Updated: 23 Sep, 2017 07:02 AM
जिस फर्नीचर की चंडीगढ़ प्रशासन ने कभी कदर नहीं की, आज उसकी ही विदेशों में लाखों रुपए में बोली लगाई जा रही है।
चंडीगढ़ (विजय) : जिस फर्नीचर की चंडीगढ़ प्रशासन ने कभी कदर नहीं की, आज उसकी ही विदेशों में लाखों रुपए में बोली लगाई जा रही है। दो दिन पहले लंदन में हुई एक ऑक्शन के दौरान चंडीगढ़ का यही हैरीटेज फर्नीचर ऊंचे दाम में बेचा गया। ऑक्शन में जो फर्नीचर रखा गया था, वह पंजाब यूनिवर्सिटी, विधानसभा और हाईकोर्ट का था। एडवोकेट अजय जग्गा ने इसकी शिकायत यूनियन कल्चर मिनिस्टर डॉ. महेश शर्मा से की है। शिकायत में जग्गा ने कहा कि इस ऑक्शन का भारत की ओर से कोई विरोध नहीं किया गया।
जाली कागजातों से ये फर्नीचर विदेशों में स्मगल किए जा रहे हैं इसलिए भारत सरकार को भारत से बाहर जाने वाले इस तरह की खेप की तुरंत जांच करवानी चाहिए ताकि इंटरनैशनल ऑक्शन में हैरिटेज फर्नीचर की ऑक्शन बंद की जा सके। इस बारे में यू.के. की अथॉरिटी से भी जांच करने के लिए कहना चाहिए। लंदन में हुई इस ऑक्शन में 10 कुर्सियां ही 87 लाख रुपए में बेची गई जबकि इस ऑक्शन से कुल 1.74 करोड़ रुपए कमाए गए।
कार्बूजिए और जेनरे ने डिजाइन किए थे
जिस फर्नीचर की लंदन, फ्रांस और यू.एस.ए. में आए दिन बोली लगाई जाती है, उसे फ्रैंच आर्किटैक्ट ली कार्बूजिए और उनके कजन पियरे जेनरे ने चंडीगढ़ में रहते हुए डिजाइन किया था। किसी समय यही फर्नीचर कबाड़ की तरह सरकारी विभाग के गोदामों में पड़ा रहता था। यहीं से इनकी तस्करी की गई और विदेशों तक पहुंचाया गया। अब हर कुछ समय के बाद इनकी ऑक्शन की जाती है।