Edited By ,Updated: 10 Apr, 2016 01:29 PM
जीरो बैलेंस खाता से बैंक द्वारा उपभोक्ता के अकाउंट से पैसे काटने पर उपभोक्ता फोरम ने बैंक को सेवा में कोताही का दोषी करार दिया है। उपभोक्ता फोरम ने एक्सिस बैंक को निर्देश दिया है कि वह शिकायतकर्ता के अकाउंट में दो हजार रुपये डाले।
चंडीगढ़। जीरो बैलेंस खाता से बैंक द्वारा उपभोक्ता के अकाउंट से पैसे काटने पर उपभोक्ता फोरम ने बैंक को सेवा में कोताही का दोषी करार दिया है। उपभोक्ता फोरम ने एक्सिस बैंक को निर्देश दिया है कि वह शिकायतकर्ता के अकाउंट में दो हजार रुपये डाले। साथ ही सेवा में कोताही के लिए 15 हजार रुपये मुआवजा और 10 हजार रुपये मुकदमा खर्च अदा करे।
यह निर्देश जिला उपभोक्ता विवाद निवारण फोरम-2 के सदस्य जसविंदर सिंह सिद्धू ने सुनवाई के बाद दिया है। शिकायतकर्ता गुरपिंदर सिंह निवासी गांव भेरोनपुर जिला फतेहगढ़ साहिब पंजाब ने बंगलूरू स्थित द एक्सिस बैंक और सेक्टर-35 बी चंडीगढ़ स्थित द एक्सिस बैंक के खिलाफ उपभोक्ता फोरम में शिकायत दी थी।
शिकायतकर्ता गुरपिंदर सिंह ने उपभोक्ता फोरम को दी शिकायत में कहा कि एक्सिस बैंक के प्रतिनिधि की बात पर जीरो बैलेंस स्कीम के तहत अकाउंट खुलवाया। शिकायतकर्ता ने 19 मार्च 2013 को वेलकम किट के साथ ही चेकबुक और लेटर और स्कीम कोड रिसीव किया। शिकायतकर्ता ने उपभोक्ता फोरम को बताया कि 7 अगस्त 2014 को बैंक के अकाउंट में दो हजार रुपये जमा कराए। शिकायतकर्ता जब बैंक में अपना बैलेंस जानने के लिए 4 नवंबर 2014 को पहुंचे तो हैरान रह गए। उनके बैलेंस में कुछ भी नहीं था।
इस संबंध में शिकायतकर्ता ने बैंक के अधिकारियों को बताया। शिकायतकर्ता ने उपभोक्ता फोरम को कहा कि उनका स्कीम कोड चेंज कर दिया गया था। वहीं बैक ने पक्ष रखते हुए कहा कि शिकायतकर्ता ने हाफ ईयरली बैंलेंस को मेंटेन नहीं किया। लेकिन फोरम ने यह दलील स्वीकार नहीं की।