बरसात से पहले की जाए सुखना की सफाई, करें कमेटी का गठन: हाईकोर्ट

Edited By ,Updated: 23 May, 2017 08:01 AM

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सुखना लेक के गिरते जलस्तर को लेकर पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट द्वारा स्वयं संज्ञान लेते हुए शुरू किए गए केस की सोमवार को सुनवाई हुई।

चंडीगढ़ (बृजेन्द्र): सुखना लेक के गिरते जलस्तर को लेकर पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट द्वारा स्वयं संज्ञान लेते हुए शुरू किए गए केस की सोमवार को सुनवाई हुई। इस दौरान हाईकोर्ट की डिविजन बैंच ने सुखना बचाने को लेकर अहम आदेश जारी कर एक कमेटी का गठन करने को कहा है जिसमें सैक्रे टरी स्तर से नीचे के अधिकारी शामिल न हों। कमेटी में पंजाब-हरियाणा के भी अधिकारी शामिल करने को कहा गया है। कमेटी सुखना के जलस्तर को बढ़ाए जाने के संबंध में कार्रवाई करेंगे। केस की सुनवाई के दौरान यू.टी. के सीनियर स्टैंडिंग कांऊसिल सुवीर सहगल ने चीफ कंजर्वेटर फॉरैस्ट संतोष कुमार का एफिडेविट फाइल किया जिसमें बताया गया कि सुखना चो एरिया और कैचमैंट एरिया चंडीगढ़ की हद में है। 

 

इस संबंध में फोटोग्राफ्स भी पेश की गई। बताया गया कि सुखना का जो एरिया यू.टी. में आता है उसे क्लीयर कर दिया गया है। वहीं कुछ एरिया हरियाणा में पड़ता है। हाईकोर्ट ने हरियाणा से इस संबंध में जवाब मांगा है। जिस पर हरियाणा सरकार ने कहा कि वह अपने क्षेत्र में आता संबंधित एरिया क्लीयर कर देंगे जिससे सुखना को पानी की सप्लाई में बाधा न हो। वहीं मामले की सुनवाई के दौरान सुखना लेक को पुनर्जीवित करने को लेकर एडवोकेट राजीव आत्मा राम ने सुझाव भी पेश किए। जिस पर हाईकोर्ट ने प्रशासन को इन पर विचार करने को कहा है। अगली सुनवाई 25 मई को होगी। 

 


प्रशासन ने समय पर नहीं की आदेशों की पालना: हाईकोर्ट
हाईकोर्ट ने प्रशासन को सुखना के सूखने को लेकर फटकार लगाई। हाईकोर्ट ने कहा कि यदि आदेशों की समय पर पालना होती रहती तो सुखना के यह दिन न आते। वहीं कें द्र सरकार ने भी सुनवाई के दौरान प्रशासन को इसके आदेशों की पालना न करने का दोषी बताया। बैंच ने कहा कि चंडीगढ़ कें द्र के अधीन है। यह उसके निर्देशों की पालना में नाकाम रहा। सुखना को बचाने के लिए जिस कमेटी का गठन किया गया था वह भी मकसद में कामयाब नहीं हुई। 

 

हाईकोर्ट ने ताजा कमेटी के गठन के आदेश दिए हैं। जिसमें यू.टी. समेत पंजाब-हरियाणा व वाटर, फॉरैस्ट एंड इनवायरमैंट डिपार्टमैंट के अधिकारी शामिल हों। वहीं मानसून से पहले सुखना को क्लीन करने के आदेश दिए हैं। हाईकोर्ट को जानकारी दी गई कि गाद निकालने को टैंडर निकाला जा चुका है। कार्रवाई 10 जून से शुरु होगी। पहले एक सुनवाई में डिविजन बैंच ने प्रशासन को सुखना में पानी के उचित्त प्रवाह को  वाटर चैनल क्लीन करने के आदेश दिए थे। 


 

2009 से सुखना लेक का मामला हाईकोर्ट में लंबित
वर्ष 2009 से सुखना लेक का मामला हाईकोर्ट में लंबित है। इसी वर्ष सुखना को बचाने के लिए सर्दी में ट्यूबवैल्स से सुखना में पानी भी डाला गया था मगर हालात नहीं सुधरे। केस की पिछली सुनवाई पर एमिक्स क्यूरी तनु बेदी ने रेन वाटर ‘रिस्टोर’ करने की दिशा में प्रयास किए जाने की वकालत की थी। उन्होंने कहा था कि मानसून सीजन से पहले इसकी तैयारी की जानी चाहिए। सुखना कैचमैंट एरिया में इसे लेकर प्रबंध होने चाहिए, ताकि सुखना का जलस्तर बढ़ सके। वहीं पंजाब सरकार की काऊंसिल रीटा कोहली ने सुखना में वीड की समस्या से भी निपटने को चुनौती बताते हुए इस दिशा में प्रयास किए जाने को कहा था। 


 

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