शहर के रक्तदानियों के ब्लड में बढ़ रहा इन्फैक्शन

Edited By Punjab Kesari,Updated: 27 Jun, 2017 10:54 AM

blood

चंडीगढ़ के लोगों के ब्लड में इन्फैक्शन बढ़ रहा है। शहर के ब्लड बैंक में एकत्रित किए जाने वाले ब्लड रिपोर्ट की मानें तो वर्ष 2012 से लेकर अब तक 4989 ब्लड यूनिट्स इन्फैक्शन की वजह से फैंकनी पड़ी है।

चंडीगढ़(अर्चना) : चंडीगढ़ के लोगों के ब्लड में इन्फैक्शन बढ़ रहा है। शहर के ब्लड बैंक में एकत्रित किए जाने वाले ब्लड रिपोर्ट की मानें तो वर्ष 2012 से लेकर अब तक 4989 ब्लड यूनिट्स इन्फैक्शन की वजह से फैंकनी पड़ी है। छह वर्षों में ब्लड में इन्फैक्शन की दर लगातार बढ़ रही है। वर्ष 2012 में सिर्फ 585 ब्लड यूनिट्स फैंकनी पड़ी थी। तब ब्लड में हिपेटाइटिस बी की मात्रा 271 और हिपेटाइटिस सी की मात्रा 226 थी, जबकि एच.आई.वी. 38 में और सिफिलिस 50 में था, परंतु 2016-17 में ब्लड इन्फैक्शन की वजह से 1036 यूनिट्स को फैंका गया है। 

 

ब्लड में हिपेटाइटिस बी की मात्रा 472 जबकि हिपेटाइटिस सी की मात्रा 491 मिली है। ब्लड में एच.आई.वी. 35 और सिफिलिस 38 यूनिट्स में रिपोर्ट हुआ है। रिपोर्ट कहती है कि ब्लड में सबसे अधिक इन्फैक्शन हिपेटाइटिस बी की वजह से मिला। डिस्कार्डेड ब्लड यूनिट्स में 2236 यूनिट्स हिपेटाइटिस बी की थी, जबकि 2114 ब्लड यूनिट्स में हिपेटाइटिस सी मिला। 387 यूनिट्स में सैक्सुअल ट्रांसमिटेड इन्फैक्शन(सिफिलिस)मिला। 

 

हिपेटाइटिस बी और सी की बीमारी बढ़ा रहा ब्लड में इन्फैक्शन :
डोनेट किए गए ब्लड में सबसे ज्यादा बीमारी हिपेटाइटिस बी की मिली। दूसरे नंबर पर हिपेटाइटिस सी मिला। तीसरा नंबर सैक्सुअल ट्रांसमिटेड डिसिज का रहा, जबकि चौथे नंबर पर एच.आई.वी. से ग्रस्त लोग मिले। विभागीय सूत्रों की मानें तो वर्ष 2012 से लेकर 2017 में 4,57,366 ब्लड यूनिट्स एकत्रित की गई और उनमें से 4989 यूनिट्स को इन्फैक्शन की वजह से फैंक दिया गया। 

 

ब्लड ट्रांस यूजन एक्सपर्ट्स की मानें तो चंडीगढ़ में एकत्रित ब्लड में इन्फैक्शन की मात्रा अन्य राज्यों के ब्लड इन्फैक्शन की तुलना में कम है। एक्सपर्ट्स कहते हैं कि चंडीगढ़ में ब्लड डोनेट करने वालों की संख्या बढ़ रही है जिसकी वजह से इन्फैक्शन ज्यादा दिख रहा है परंतु असल में इन्फैक्शन का ग्राफ गिर रहा है।

 

ऐसे ठिकाने लगाते हैं इंफैक्टेड ब्लड को :
कैंप में एकत्रित किए गए ब्लड को बैंक में स्टोर करने से पहले उसमें इन्फैक्शन चैक किया जाता है। ब्लड में एचआईवी, हिपेटाइटिस-बी, हिपेटाइटिस-सी, वी.डी.आर.एल.(सैक्सुअल ट्रांसमिटेड डिसीज) को चैक किया जाता है। अगर यह बीमारियां ब्लड में मिलती हैं तो ब्लड को डिस्कार्ड (फैंक) कर दिया जाता है। 

 

ब्लड को इनसीनरेटर में डिस्कार्ड करने से पहले 120-121 डिग्री सेंटीग्रेड पर ऑटोक्लेव में हीट किया जाता है ताकि ब्लड का इंफैक्शन फैल न सके। सेफ ब्लड को दो किस्म के बैग में स्टोर किया जाता है एक सिंपल बैग होता है जिसमें ब्लड को 35 दिन तक रखा जा सकता है जबकि स्पैशल बैग में ब्लड को 42 दिन तक रखा जा सकता है। सिंपल बैग में 350 एम.एल ब्लड रखते हैं जबकि स्पैशल बैग में 450 एम.एल ब्लड रखा जाता है।  

 

फैंके गए ब्लड का रिकार्ड :
वर्ष                         2012-13    2013-14    2014-15   2015-16   2016-17 
एच.आई.वी.             38             51             51            77             35
हिपेटाइटिस बी         271           520           520          453            472  
हिपेटाइटिस सी        226           379           464          554            491
वी.डी.आर.एल.                        50             103          125             71     38

 

चंडीगढ़ में एकत्रित ब्लड यूनिट्स का रिकार्ड :
वर्ष                  ब्लड यूनिट्स
2017                14581
2016-17           94667
2015-16           91567
2014-15           88873
2013-14           86029
2012-13           81649

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