दिल, दिमाग और कैंसर पेशैंट के इलाज पर 5 लाख तक का खर्च देगी सरकार

Edited By Punjab Kesari,Updated: 10 Dec, 2017 11:50 AM

cancer patient

शहर में जितने भी रैगुलर सरकारी कर्मचारी हैं, उन्हें 6 बड़ी बीमारियों के इलाज के लिए 5 लाख रुपए तक की कैशलैस सुविधा मिलेगी।

पंचकूला(आशीष) : शहर में जितने भी रैगुलर सरकारी कर्मचारी हैं, उन्हें 6 बड़ी बीमारियों के इलाज के लिए 5 लाख रुपए तक की कैशलैस सुविधा मिलेगी। इसके लिए स्वास्थ्य विभाग और पंचकूला प्रशासन ने काम शुरू कर दिया है। इस स्कीम का फायदा गवर्नमैंट फील्ड के अलावा पैंशनर्स को भी मिलेगा। शहर  में अब तक 10 हजार 96 से ज्यादा रैगुलर कर्मचारी हैं। इनके अब दोबारा से आईकार्ड बनाए जाएंगे। 

 

रैगुलर इम्प्लाइज और पैंशनर्स किसी भी किसी भी प्राइवेट और सरकारी अस्पताल में अपना इलाज करवा सकते हैं। इसके लिए 5 लाख रुपए तक आने वाला खर्च सरकार देगी। सरकार ने पैनल बनाया है। इसमें उन अस्पतालों के नाम शामिल हैं, जहां रैगुलर इम्प्लॉइज और पैंशनर्स अपनी सुविधा के मुताबिक इस स्कीम के तहत इलाज करवा सकते हैं। पंचकूला जिले में 10 हजार 90 से ज्यादा रैगुलर कर्मचारी हैं। इस स्कीम की सुविधा इम्प्लॉइज या पैंशनर्स के परिवार के सदस्यों को नहीं मिलेगी।

 

नए सिरे से बनेंगे आईकार्ड :  
5 लाख रुपए की इस स्कीम के लिए अब दोबारा से आई कार्ड बनाए जाएंगे, जिनमें आधार कार्ड नंबर भी भरा जाएगा। इसके अलावा उनके कार्ड पर यह भी लिखा जाएगा कि इम्प्लाइज रैगुलर हैं या नहीं। इस बात पर भी पूरा ध्यान रखा जाएगा कि कहीं कोई जाली कार्ड बनवाकर इसका मिस यूज न कर सके। पंचकूला में सभी अलग-अलग डिपार्टमैंट में नोडल ऑफिसर नियुक्त किए जाएंगे। हर डिपार्टमैंट के कर्मचारी अपने अपने नोडल ऑफिसर से आईकार्ड वैरिफाई करवाएंगे।

 

बनेंगे कार्ड, होगी कैशलैस पेमैंट :
सरकार इस स्कीम के तहत रैगुलर इम्प्लॉइज और पैंशनर्स को 6 बड़ी बीमारियों के लिए इलाज पर 5 लाख रुपए तक का खर्च देगी। इसमें हार्ट से जुड़ी कार्डियक प्रॉब्लम, किसी भी तरह का एक्सीडैंट, ब्रेन हैमरेज के अलावा कोमा पेशैंट, इलैक्ट्रिक शॉक और कैंसर की 3 और 4 स्टेज के इलाज के लिए सरकार मदद करेगी। इन सभी बीमारियों के ट्रीटमैंट में लाखों रुपए लग जाते हैं। अब सरकार एक कार्ड देगी और इस कार्ड के जरिए 5 लाख रुपए तक की कैशलैस पेमैंट की जा सकती है। इसका भुगतना अस्पताल सीधे तौर पर डिपार्टमैंट से लेगा।

 

पहले ऐसे होती थी पेमैंट :
अब तक रैगुलर इम्प्लॉइज और पैंशनर्स को इलाज का बिल अपने डिपार्टमैंट में भेजना होता था। इसके कई महीने बाद बिल क्लीयर होता था। अब मरीज का 5 लाख रुपए तक का कार्ड बनाया जाएगा जिससे मरीज अस्पताल में इलाज कैशलैस करवा सकेगा। इसमें तीन बिल बनाए जाएंगे। एक मरीज को बिल दिया जाएगा। दूसरा डिपार्टमैंट को भेजा जाएगा और तीसरा अस्पताल अपने पास रखेगा। इसमें 60 दिन के अंदर डिपार्टमैंट को अस्पताल की पेमैंट करनी होगी।

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