Edited By Punjab Kesari,Updated: 18 Jan, 2018 08:46 PM
आई.ए.एस. की बेटी से छेड़छाड़ मामले में जिला अदालत ने सहआरोपी आशीष की जमानत याचिका खारिज कर दी। अदालत ने अपने आदेश में कहा कि विकास बराला को जमानत मिलने को सहआरोपी आशीष की जमानत का आधार नहीं बनाया जा सकता।
चंडीगढ़, (संदीप) : आई.ए.एस. की बेटी से छेड़छाड़ मामले में जिला अदालत ने सहआरोपी आशीष की जमानत याचिका खारिज कर दी। अदालत ने अपने आदेश में कहा कि विकास बराला को जमानत मिलने को सहआरोपी आशीष की जमानत का आधार नहीं बनाया जा सकता। आशीष के खिलाफ केस में आरोप काफी संगीन हैं, ऐसे में उसे जमानत देने का कोई आधार नहीं बनता। इसलिए उसकी जमानत याचिका खारिज की जाती है। विकास बराला को पिछले सप्ताह हाईकोर्ट से जमानत मिलने को आधार बनाते हुए ही आशीष ने जमानत याचिका दायर की थी।
आशीष को भी मिलना चाहिए जमानत का लाभ :
आशीष की ओर से दायर जमानत याचिका में दलील दी गई कि विकास बराला को जमानत मिल चुकी है। ऐसे में उसे कस्टडी में रखने का कोई आधार नहीं है और उसे भी जमानत का लाभ मिलना चाहिए। इसके अलावा यह भी दलील दी गई है कि शिकायतकत्र्ता के बयान और उसका क्रॉस एग्जामिनेशन हो चुका है। ऐसे में पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट के निर्देश के अनुसार वह जमानत के लिए याचिका दायर करने का हकदार है। इसके अलावा शिकायतकत्र्ता ने शुरू में दी गई शिकायत में अपहरण के बारे में कुछ नहीं कहा था। यह धारा बाद में जोड़ी गई है। बचाव पक्ष की ओर से पुलिस पर मामले में सही से जांच न करने का आरोप लगाते हुए कहा गया कि पुलिस ने चार्जशीट में कई अहम दस्तावेज और सी.सी.टी.वी. फुटेज सौंपे ही नहीं हैं।