निगम ने पेड़ों को बचाने का अभियान किया शुरू

Edited By Punjab Kesari,Updated: 23 Jun, 2017 10:57 AM

corporation started campaign to save trees

नगर निगम ने आंधी-तूफान के दौरान गिरने वाले पेड़ों को बचाने के लिए विशेष अभियान शुरू किया है।

चंडीगढ़(राय) : नगर निगम ने आंधी-तूफान के दौरान गिरने वाले पेड़ों को बचाने के लिए विशेष अभियान शुरू किया है। इसके तहत निगम के बागवानी विंग ने दो पेड़ री-प्लांट करवाए। बागवानी विंग के कार्यकारी अभियंता कृष्ण पाल सिंह की अगुवाई में यह पेड़ सैक्टर-21 एस.सी.ओ. नंबर 14 के पीछे व सैक्टर-39 वाटर वर्कस के अंदर री-प्लांट करवाए गए। 

 

निगम आयुक्त ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि जिन पेड़ों को दीमक लग गया है, उन पर दवाइयों का छिड़काव किया जाना चाहिए। कृष्ण पाल सिंह ने बताया कि कुछ माह पहले निगम द्वारा पहली बार शहर के पेड़ों के करवाए गए सर्वे में सैकड़ों ऐसे पेड़ मिले थे जो लोगों के लिए खतरा बने हैं। निगम की विवशता यह है कि खतरनाक पेड़ों को भी वह अपने आप नहीं काट सकता। इसके लिए उसे प्रशासन की अनुमति की आवश्यकता है। 

 

उनका कहना था कि अब ऐसे पेड़ों को पुनर्जीवित करने पर भी विचार किया जा रहा है। उनका कहना था कि जो तो बिल्कुल मर चुके हैं उन्हें तो हटाया जाएगा पर उतनी गिनती के और पेड़ लगाए जाएंगे।

 

पेड़ों की गिनती का काम भी होगा शुरू :
निगम उन पेड़ों का भी सर्वे करवाया था जिनकी शाखाओं के फैलाव के कारण स्ट्रीट लाइटों की रोशनी रुकती है व जो आंधी तूफान में गिर सकते हैं। इस सर्वे के बाद शहर में ऐसे पेड़ों की प्रूनिंग का काम इन दिनों चल रहा है। निगम के अधिकारी का कहना था कि वर्षा के मौसम से पहले निगम प्रूनिंग का काम पूरा कर लेगा, ताकि शाखाएं सड़कों पर गिरने से लोगों को परेशानी न हो। निगम अब शहर में पेड़ों की नंबरिंग का काम भी शुरू करेगा। अगर कहीं किसी पेड़ के कारण स्ट्रीट लाइटों की रोशनी रुक रही है तो उसके लए या तो खंभे को ऊंचा किया जाएगा या फिर पेड़ को किसी अन्य स्थान पर स्थापित किए जाने पर विचार किया जा सकता है। 

 

निगम की सर्वे रिपोर्ट के अनुसार उसके क्षेत्र में लगभग 1,25,000 हरे पेड़ हैं। इसके साथ ही 1029 सूखे पेड़ हैं व इनमें से 262 लोगों के लिए खतरनाक हैं। सभी प्रकार के पेड़ों को मिलाकर निगम की भूमि पर लगभग 1,65,597 पेड़ हैं। हालांकि चंडीगढ़ को ग्रीन सिटी की संज्ञा भी दी गई है पर इसके सबसे प्रमुख पार्कों में सबसे अधिक सूखे पेड़ हैं। चंडीगढ़ में पर्यटकों के लिए आकर्षण के केंद्र्र के रूप में प्रचलित किए गए सैक्टर-1 के राजिंद्रा गार्डन में सबसे अधिक 75 सूखे पेड़ ऐसे हैं। रिपोर्ट के अनुसार सैक्टर-19 व 40 सबसे अधिक ग्रीन सैक्टर हैं।

 

262 सूखे पेड़ बने खतरा :
सर्वे के अनुसार शहर में 262 ऐसे सूखे पेड़ हैं जो सार्वजनिक स्थानों पर हैं व लोगों के लिए खतरा बने हैं। निगम ने इन्हें काटने की अनुमति प्रशासन से मांगी है पर अभी तक उसे केवल 40 ऐसे पेड़ काटने की अनुमति मिली है। इनमें से सबसे अधिक खतरनाक हो चुके पेड़ सैक्टर-37 में हैं।

 

संबंधित अधिकारी का कहना था कि इस रिपोर्ट के बाद अब निगम के पास यह जानकारी है कि उसकी भूमि पर कितने हरे व कितने सूखे पेड़ हैं। उनका कहना है कि इस रिपोर्ट से यह भी स्पष्ट हो गया है कि हर वर्ष बरसात के मौसम में निगम जो पेड़ लगाता है उनका सरवाइवल रेट कितना है। ज्ञात रहे कि इस बार भी निगम वर्षा के मौसम में शहर में पेड़ व झाडिय़ां लगाने का अभियान शुरू करेगा व इस दौरान लोगों को मुफ्त पौधे भी बांटे जाएंगे।

Related Story

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!