लापरवाह निगम : शहर में रेहड़ी फडिय़ों की भरमार,बिगड़ी बाजारों की सूरत

Edited By ,Updated: 23 Oct, 2016 08:16 AM

full of street vendors in the city

हाउस मीटिंग में जो सुपरिंटैंडैंट व पूर्व निगम कमिश्नर उमाशंकर गुप्ता द्वारा शहर में लग रही अवैध रेहड़ी फडिय़ों का मामला उठाया था और उसे लेकर उमाशंकर ने कई बड़ी हस्तियों के नाम की लिस्ट भी जारी की थी।

मोहाली(राणा) : हाउस मीटिंग में जो सुपरिंटैंडैंट व पूर्व निगम कमिश्नर उमाशंकर गुप्ता द्वारा शहर में लग रही अवैध रेहड़ी फडिय़ों का मामला उठाया था और उसे लेकर उमाशंकर ने कई बड़ी हस्तियों के नाम की लिस्ट भी जारी की थी। लेकिन उसके बाद शहर में रेहड़ी फडिय़ों तो क्या हटनी थी उसकी बजाए कुछ ही दिन बाद शहर से उमाशंकर का ही तबादला हो गया। हालाकि उमाशंकर के तबादले के पीछे राजनैतिक कारण भी माना जा रहा था। लेकिन शहर में अब भी मार्किटों व सड़कों पर अतिक्रमण वैसे ही है जैसे पहले लग रहा था। इससे तो एक ही बात जाहिर होती है कि नगर निगम पर लगता है राजनैतिक हावी होती हुई नजर आ रही है। 


कोई भी जिम्मेदारी उठाने को तैयार नहीं :
शहर की हर मार्कीट में दुकानदारों द्वारा अपनी दुकान के सामने बनी गैलरी में सामान रखा हुआ है वहां से कोई पैदल व्यक्ति नहीं गुजर सकता क्योंकि वहां पर दुकानदारों द्वारा पूरी गैलरी पर कब्जा किया होता है। उन्हें न तो इन्र्फाेस्मैंट हटवाती है और न ही पुलिस का उनकी और कोई ध्यान है। क्योंकि हाऊस मीटिंग में पूर्व नगर निगम कमीशन ने मुद्दा उठाया था कि शहर में जो रेहड़ी फडिय़ां लग रही हैं वह नगर निगम के अधिकारी व राजनेताओं की शह में लग रही हैं। फिर भी किसी ने इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया। सूत्रों की मानें तो पूर्व कमिश्नर शहर में लग रही रेहड़ी फडिय़ों को हटवाने के लिए पूरी मेहनत से काम कर रहा था और वह उनकी काफी तह तक भी पहुंच गया था लेकिन शहर के ही कुछ लोगो को यह गवारा न हुआ और उसका नतीजा यह हुआ कि पूर्व कमिश्नर अपना काम पूरा ही नहीं कर पाया और उन्हें बीच में ही रेहड़ी फडिय़ों का मुद्दा छोड़ शहर से जाना पड़ा। 

कोई भी जिम्मेदारी उठाने को नहीं तैयार :
अब सवाल यह उठता है कि शहर में अतिक्रमण काफी ज्यादा फैला हुआ है और कमिश्नर, मेयर, डिप्टी मेयर सभी एक दूसरे पर आरोप जड़ते नजर आ रहे हैं। लेकिन इसकी जिम्मेदारी कोई भी उठाने के लिए तैयार नहीं है। फिर आखिर किसकी शह से अतिक्रमण लगता है। शहर के कई पार्षद व नगर निगम के सीनियर अधिकारी शहर को साफ सुधरा रखने व अतिक्रमण मुक्त बनाने के लिए बड़े-बड़े वादे करते हैं। लेकिन जब उन वादों पर अमल करने का समय आता है तो कोई भी आगे नहीं आता है। ऐसे में अगर बड़े अधिकारी ही इन मामलों को गंभीरता से नहीं लेंगे तो नीचे स्तर के अधिकारी तो इसे किस तरह से गंभीरता से ले सकते हैं। शहर में लोगों ने कई सरकारी विभागों के पास अतिक्रमण किया हुआ है। 

रेहड़ी फडिय़ां लगवाने को लेकर हाऊस मीटिंग में हुआ था विवाद :
गत जुलाई में जो हाऊस की मीटिंग में रेहड़ी फड़ी लगवाने को लेकर तत्कालीन निगम कमिश्नर उमा शंकर व डिप्टी मेयर मजींत सिंह सेठी के बीच में विवाद हुआ था। उस विवाद ने अब फिर से तूल पकड़ लिया है उस मामले में स्थानीय निकाय विभाग की ओर से डिप्टी मेयर को नोटिस जारी किया गया है। साथ ही उनको 15 दिनों के अंदर जबाव मांगा गया है। वहीं पत्र में लिखा गया है कि यदि तय समय में डिप्टी मेयर ने जवाब नहीं दिया तो मान लिया जाएगा कि उन्हें इस मामले में कुछ कहना नहीं है। इसके बाद विभाग द्वारा उनके खिलाफ बनती कार्रवाई शुरू कर दी जाएगी। डिप्टी मेयर को पंजाब म्यूनिसिपल एक्ट की विभिन्न धाराओं के तहत नोटिस जारी किया गया और 15 जुलाई 2016 को हुई हाऊस की मीटिंग में निगम कमिश्नर व सुपरिंटैंडैंट के साथ गाली-गलौज करने, धमकियां देने, हाथापाई करने करने का आरोप लगाया गया है।


निगम कमिश्नर द्वारा इस संबंध में स्थानीय निकाय विभाग को पत्र लिखा गया था। जिसके बाद यह निकाय विभाग की तरफ से यह कार्रवाई की गई है। उमांशकर ने इस सबंध में एस.एस.पी. को भी शिकायत दी थी जिसके बाद एस.एस.पी. ने शिकायत को पूर्व एस.पी. गुरसेवक सिंह को मार्क कर दी थी लेकिन उन्होंने भी इस मामले में कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई और न ही किसी शिकायतकत्र्ता और न ही जिसके खिलाफ शिकायत दी गई थी उसके ब्यान दर्ज किए गए सिर्फ शिकायत लेकर एक फाइल में रख ली गई। उसके बाद नए एस.पी. का भी इस शिकायत की ओर कोई ध्यान नहीं है। वहीं डिप्टी मेयर मजींत सिंह सेठी ने कहा कि उन्हें अभी तक कोई नोटिस नहीं मिला है अगर मिलता भी है तो वह उसका जबाव देंगे। उन्होंने कहा कि यह सबकुछ उन्हे बदनाम करके के लिए किया जा रहा है। उन्होने हाउस मिटिंग में किसी के साथ कोई गाली-गलौज नहीं किया है। 

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