पद के मुताबिक ऑफिसर्स को नहीं मिल रहे सरकारी आवास

Edited By Punjab Kesari,Updated: 12 Mar, 2018 08:35 AM

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चंडीगढ़ प्रशासन अपने ही बनाए गए नियमों के जाल में फंसता जा रहा है।

चंडीगढ़(विजय) : चंडीगढ़ प्रशासन अपने ही बनाए गए नियमों के जाल में फंसता जा रहा है। यू.टी. में डैपुटेशन पर आने वाले इंडियन एडमिनिस्ट्रेटिव सर्विस (आई.ए.एस.) ऑफिसर्स को उनके पद के मुताबिक सरकारी आवास नहीं मिल पा रहे हैं। इसकी मुख्य वजह है कि हरियाणा और पंजाब से जितने भी आई.ए.एस. ऑफिसर्स को डैपुटेशन पर चंडीगढ़ भेजा गया, उनमें से अधिकांश रीपैट्रिएट होने के बावजूद उन्हीं सरकारी मकानों में रह रहे हैं, जो उन्हें यहां अलॉट हुए थे। 

 

पूर्व गृह सचिव राम निवास, अनिल कुमार और मोहम्मद शाईन सहित कई ऐसे अन्य ऑफिसर्स हैं जिन्होंने सैक्टर-16 सहित कई दूसरे सैक्टर्स में अपने पद के अनुसार सरकारी आवास तो ले लिए लेकिन चंडीगढ़ प्रशासन में पोस्टिंग न होने के बावजूद उन मकानों में काबिज हैं। इसका खामियाजा अब चंडीगढ़ प्रशासन के नए आई.ए.एस. ऑफिसर्स को भुगतना पड़ रहा है। 

 

आई.ए.एस. ऑफिसर्स 5 और 6 कैटेगरी के मकानों के लिए इनटाइटल्ड होते हैं। यू.टी. के हाऊस अलॉटमैंट डिपार्टमैंट के पास इन कैटेगरी के लगभग 55 मकान हैं लेकिन मौजूदा समय में 11 आई.ए.एस. ऑफिसर्स के लिए भी 5 और 6 कैटेगरी के मकान मौजूद नहीं हैं, क्योंकि चंडीगढ़ से रीपैट्रिएट होने के बावजूद पुराने आई.ए.एस. ऑफिसर्स ने इन मकानों को नहीं छोड़ा है।

 

हरीश नैयर और नौटियाल भी लाइन में :
डैपुटेशन पर आने वाले एक अन्य आई.ए.एस. ऑफिसर हरीश नैयर को भी अभी तक उनकी पोस्ट के अनुसार मकान नहीं मिला है। वह मोहाली से रोजाना सैक्रेटरिएट आते हैं। इसी तरह आई.एफ.एस. टी.सी. नौटियाल के पास भी सरकारी मकान नहीं है। उन्हें भी कैटेगरी 5 या 6 का ही मकान मिलना है। वह फिलहाल फॉरैस्ट डिपार्टमैंट के दरिया स्थित गैस्ट हाऊस में रह रहे हैं। 

 

अब बैठते हैं पंजाब और हरियाणा सैक्रेटरिएट में :
ए.जी.एम.यू.टी. के आई.ए.एस. ऑफिसर्स को छोड़ दिया जाए तो चंडीगढ़ में पंजाब और हरियाणा से आने वाले कई आई.ए.एस. ऑफिसर्स एक बार चंडीगढ़ में आने के बाद प्रोमोशन लेकर यहीं टिक जाते हैं। दरअसल, प्रोमोशन लेकर ये आई.ए.एस. ऑफिसर्स चीफ सैक्रेटरी रैंक हासिल करके इन मकानों को रिटायरमैंट तक अपने पास रख लेते हैं। इस वजह से यू.टी. में आने वाले नए ऑफिसर्स के लिए मकानों की कमी होती जा रही है।

 

6 की बजाय 8 टाइप में रह रहे वित्त सचिव :
अभी तक जितने भी वित्त सचिव चंडीगढ़ में आए, उन्हें कैटेगरी 5 या 6 के मकान ही दिए गए लेकिन हाल ही में चंडीगढ़ प्रशासन में वित्त सचिव की पोस्ट पर ज्वाइन करने वाले अजॉय कुमार सिन्हा को मजबूरी में 8 टाइप के मकान में रहना पड़ रहा है। 

 

वित्त सचिव ने टाइप-6 (ओल्ड) के लिए अप्लाई किया था लेकिन उन्हें बताया गया कि अभी कोई भी मकान खाली नहीं है। फिलहाल उन्हें सैक्टर-11 में आठ कैटेगरी का मकान नंबर-625 दे दिया गया है।

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